10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

675.45 करोड़ के काम पर रोक

डीपीआर में जालसाजी. कबिसा गांव की आबादी ही बढ़ा दी गयी शकील अख्तर रांची : डीपीआर बनाने में जालसाजी के मामले में पेयजल सचिव एपी सिंह ने इस कंसल्टेंट द्वारा तैयार किये गये 675.45 करोड़ रुपये के डीपीआर सेे जुड़ी चार योजनाओं के क्रियांवयन पर रोक लगा दी है. साथ ही कबिसा पेयजलापूर्ति योजना की […]

डीपीआर में जालसाजी. कबिसा गांव की आबादी ही बढ़ा दी गयी
शकील अख्तर
रांची : डीपीआर बनाने में जालसाजी के मामले में पेयजल सचिव एपी सिंह ने इस कंसल्टेंट द्वारा तैयार किये गये 675.45 करोड़ रुपये के डीपीआर सेे जुड़ी चार योजनाओं के क्रियांवयन पर रोक लगा दी है. साथ ही कबिसा पेयजलापूर्ति योजना की डीपीआर को सत्यापित करनेवाले इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने और अन्य डीपीआर की जांच का निर्देश दिया है.
लखनऊ की कंपनी ‘स्नो फाउंटेन’द्वारा कबिसा पेयजलापूर्ति योजना के डीपीआर में जालसाजी करने की शिकायत मिली थी. विभागीय सचिव के आदेश के आलोक में इसकी विस्तृत जांच करायी गयी. जांच दल में मुख्य अभियंता विनोद कुमार वर्मा (सीडीओ), अधीक्षण अभियंता यमुना राम और रमना का प्रखंड विकास पदाधिकारी दयानंद कारजी को शामिल किया गया.
जांच में पाया गया कि कंसलेटेंट ने गढ़वा जिले के रमना प्रखंड के पांडेय टोला का लिए कबिसा पेयजलापूर्ति योजना की डीपीआर तैयार की है. कंसल्टेंट ने 2015 को आधार वर्ष मानते हुए पांडेय टोला की आबादी 260 बतायी है. हालांकि इस टोले में सिर्फ 13 घर ही हैं. इस तरह इस कसल्टेंट ने डीपीआर में गांव की आबादी का गलत आंकड़ा दिया. जांच दल द्वारा भौतिक निरीक्षण में पाया गया कि कबिसा गांव चार टोलों में बंटा हुआ है.
जलापूर्ति योजना के दायरे में आनेवाला पांडेय टोला रेलवे लाइन के दक्षिण हिस्से में है. कबिसा गांव के शेष तीनों टोले रेलवे लाइन के उत्तरी हिस्से में हैं. जांच रिपोर्ट के अनुसार कंसल्टेंट ने ‌उन जगहों पर भी पाइप लाइन बिछाने का नक्शा बनाया है, जिन जगहों पर घर नहीं है.
अर्थात स्थल का निरीक्षण और सर्वे किये बिना ही अनुमान के आधार पर डीपीआर तैयार हुई है. विभाग के कनीय अभियंता भीम टोप्पो, सहायक अभियंता बाल्मिकी प्रसाद और कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार चौधरी ने कंसल्टेंट द्वारा बनाये गया इल डीपीआर को सत्यापित किया है. जांच रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए विभागीय सचिव ने इस कंसल्टेंट द्वारा तैयार उन परियोजनाओं के काम पर रोक लगा दी है, जिसका काम शुरू नहीं हुआ है.
एसी परियोजनाओं में 223.29 करोड़ की लागत निरसा गोविंदपुर(साउथ), 427.44 करोड़ की लागत की निरसा-गोविंदपुर (नार्थ), 6.49 करोड़ रुपये की तोपचांची और 15.078 लाख रुपये लागत की कबिसा पेयजलापूर्ति योजना शामिल है. इस कंसल्टेंट द्वारा बनायी गयी 11 ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजनाओं का काम जांच से बहुत पहले ही शुरू किया जा चुका है. विभाग द्वारा इन सभी योजनाओं के डीपीआर में वर्णित आंकड़ों को भी सत्यापित कराने की योजना बनायी जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें