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‍88 हजार रुपये में रिम्स खरीदेगा फैक्टर सात

रांची : रिम्स प्रबंधन हीमोफीलिया के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए फैक्टर सात की खरीदारी करेगा. रिम्स प्रबंधन को 42 हजार रुपये के हिसाब से दो यूनिट फैक्टर सात की खरीदारी के लिए 88 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे. गौरतलब है कि इससे पूर्व रिम्स में फैक्टर सात की खरीदारी नहीं की […]

रांची : रिम्स प्रबंधन हीमोफीलिया के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए फैक्टर सात की खरीदारी करेगा. रिम्स प्रबंधन को 42 हजार रुपये के हिसाब से दो यूनिट फैक्टर सात की खरीदारी के लिए 88 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे. गौरतलब है कि इससे पूर्व रिम्स में फैक्टर सात की खरीदारी नहीं की जाती थी.
फैक्टर सात की खरीदारी करने के लिए रिम्स प्रबंधन को विभागीय आदेश मिला है. सूत्राें की मानें तो उच्च अधिकारियों ने रिम्स प्रबंधन को फैक्टर सात का स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. कहा गया है कि हर फैक्टर रिम्स में उपलब्ध होना चाहिए.
फैक्टर लेबल की जांच की सुविधा नहीं
रिम्स में हीमोफीलिया मरीजों के फैक्टर लेबल की जांच की सुविधा नहीं है. हीमोफीलिया के मरीज जब रिम्स में इलाज के लिए आते हैं, तो उनसे पूरी हिस्ट्री लेकर फैक्टर की यूनिट मुहैया करा दी जाती है, जबकि नियमानुसार हीमोफीलिया के मरीजों को फैक्टर देने से पहले उनके लेबल की जांच होनी चाहिए. उसके हिसाब से यूनिट परामर्श देना चाहिए.
फैक्टर सात रहना ही चाहिए
हीमोफीलिया मरीजों के इलाज के लिए सभी प्रकार का फैक्टर उपलब्ध होना ही चाहिए. हीमोफीलिया के मरीजों को फैक्टर चढ़ाने के पहले लेबल की जांच अवश्य करनी चाहिए. जांच की सुविधा के लिए रिम्स प्रबंधन को अवगत कराया जायेगा.
डॉ आरके श्रीवास्तव, पैथोलॉजिस्ट, रिम्स

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