रांची: राज्य सरकार ग्राम सभा को सशक्त बनाने के प्रति गंभीर नहीं है. उलटा सरकार की मंशा ग्राम सभा के अधिकारों में कटौती करने की है. सरकार के इस निर्णय का जोरदार विरोध किया जायेगा.
उक्त बातें शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों से आये ग्रामसभा के प्रतिनिधियों ने कही. वक्ताओं ने कहा कि पूर्व की मुंडा सरकार से लेकर वर्तमान की हेमंत सरकार द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि बालू से ग्रामसभा को कोई आय नहीं होती है. इसलिए बालू की नीलामी की जा रही है. इस षडयंत्र के माध्यम से सरकार ग्राम सभाओं को कमजोर करने की साजिश कर रही है. राज्य सरकार को चाहिए कि वह ग्राम सभाओं को अधिकार दे, न कि ग्राम सभा के अधिकारों में कटौती करे.
वक्ताओं ने कहा कि पेसा एक्ट के धारा चार के तहत बालू पर ग्राम सभाओं का अधिकार है और आगे भी रहेगा. इसी एक्ट के तहत गिट्टी, मिट्टी व मोरम पर भी ग्राम सभा का अधिकार है. इस अवसर पर देवगांई रांची के मोती लाल सिंह मुंडा, पिपराबंडा रांची के ग्राम प्रधान बिरसा हेंब्रम, कोले हजारीबाग के दर्शन गंझू, लोहरसा हजारीबाग के शिवनाथ गंझू, तुरिया बेरा पूर्वी सिंहभूम के कान्हाई सिंह, लाइलम पूर्वी सिंहभूम के देवेन सिंह आदि उपस्थित थे.