10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक करोड़ का कोयला, सुरक्षा पर खर्च 9.86 लाख

रांची:सड़क निर्माण के दौरान निकाले गये 1.16 करोड़ रुपये के कोयले की रखवाली पर अब तक 9.86 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, पर सरकार अब तक इस कोयले की बिक्री नहीं कर पायी है. कोयले की बिक्री के लिए सरकार के विभिन्न विभागों में अब तक पत्राचार ही हो रहा है. प्रधान महालेखाकर(पीएजी) ने […]

रांची:सड़क निर्माण के दौरान निकाले गये 1.16 करोड़ रुपये के कोयले की रखवाली पर अब तक 9.86 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, पर सरकार अब तक इस कोयले की बिक्री नहीं कर पायी है. कोयले की बिक्री के लिए सरकार के विभिन्न विभागों में अब तक पत्राचार ही हो रहा है. प्रधान महालेखाकर(पीएजी) ने ऑडिट के बाद सरकार को भेजी गयी जांच रिपोर्ट में इन तथ्यों का उल्लेख किया है.

सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुजू-रामगढ़ बाइपास सड़क निर्माण के दौरान 7159.20 क्यूबिक मीटर (9062.20 मीट्रिक टन) कोयला निकला था. निर्माण कार्य के दौरान ने‌शनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने निकाले गये कोयले को कुजू के रेंज अॉफिसर के आवासीय परिसर में जमा कर दिया.

वर्ष 2012 में रामगढ़ के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने उपायुक्त को पत्र लिख कर कोयले की बिक्री के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरा करने का अनुरोध किया. उपायुक्त ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन विभाग के उप-सचिव ने पीसीसीएफ को पत्र लिख कर निर्देश किया कि वह कोयले को सीसीएल के कब्जे में दें और कोयले की ग्रेडिंग करायें. इसके साथ ही उप-सचिव ने झारखंड खनिज विकास निगम को पत्र लिख कर कोयले की बिक्री करने का निर्देश दिया. सरकार के निर्देश के आलोक में सीसीएल ने कोयले की ग्रेडिंग कर सरकार को इससे संबंधित सूचना दी. इसमें सड़क निर्माण के दौरान निकाले गये कोयले को ‘इ-ग्रेड’ का बताया गया. हालांकि सीसीएल ने इस कोयले को अपने कब्जे में लेने से इनकार कर दिया. इस तरह वर्ष 2011 में निकाले गये कोयले को सरकार अब तक नहीं बेच सकी है.


सीसीएल द्वारा कोयले के ग्रेडिंग किये जाने का बावजूद झारखंड खनिज निकास निगम ने नामकुम स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूएल रिसर्च (सीआइएमएफआर) से कोयले का ग्रेडिंग करने का अनुरोध किया है. हालांकि सीआइएमएफआर की ओर से खनिज विकास निगम के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया है. मामले की जांच में यह भी पाया गया है कि वर्ष 2011 में निकाले गये इस कोयले की रखवाली पर मजदूरी के रूप में 9.86 लाख रुपये की देनदारी हो गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने रांची-हजारीबाग एनएच-33 के लिए 102.728 और कुजू-रामगढ़ बाईपास सड़क के लिए 33.05 हेक्टेयर वन भूमि के इस्तेमाल की अनुमति दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें