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बोकारो जिले में स्वच्छ भारत मिशन की स्थिति अच्छी नहीं

रांची: बोकारो जिले में स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी योजनाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. जिले के पेटरवार और बेरमो प्रखंड को निर्धारित समय सीमा में खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) घोषित करना संभव नहीं है. पेयजल एवं स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने योजनाओं की समीक्षा के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस […]

रांची: बोकारो जिले में स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी योजनाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. जिले के पेटरवार और बेरमो प्रखंड को निर्धारित समय सीमा में खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) घोषित करना संभव नहीं है. पेयजल एवं स्वच्छता सचिव एपी सिंह ने योजनाओं की समीक्षा के बाद यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इस जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना में अब तक की उपलब्धि 50 प्रतिशत है. जिले के पेटरवार और बेरमो प्रखंड को ओडीएफ घोषित करने के लिए पेटरवार में आठ हजार और बेरमो में 15 हजार शौचालय का निर्माण करना है. इसके लिए कम से कम 200 लोगों को काम पर लगाया जाना चाहिए. हालांकि इस काम में सिर्फ 50 लोग ही लगाये गये हैं. डिस्ट्रिक्ट काेअॉर्डिनेटर और ब्लॉक रिसोर्स पर्सन का काम संतोषप्रद नहीं होने की वजह से उन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है.

झुमरा एक्शन प्लान के तहत पेयजल से जुड़ी योजनाओं की स्वीकृति प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा की जानी है. हालांकि उन्होंने एक किसी योजना की स्वीकृति नहीं दी है.

दो करोड़ रुपये की लागत से झुमरा एक्शन प्लान के तहत पेयजल की योजना बनी हुई है. प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा योजना स्वीकृत किये जाने का बाद इस पर काम शुरू होगा. पिछले 10 वर्षों से लंबित चली आ रही चास अरबन शहरी पेयजलापूर्ति की योजना के चार में से तीन मीनार बन गये हैं. चौथे मीनार का काम फरवरी तक पूरा हो जायेगा. फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने की वजह से पेटरवार और चंद्रपूरा पेयजलापूर्ति का काम बाधित है. इन दोनों योजनाओं की लागत करीब 100 करोड़ रुपये है.

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