रांची: ग्लोबल वार्मिग एवं पर्यावरण में बदलाव विषय पर चर्च प्रतिनिधियों का दो दिवसीय सेमिनार एसडीसी सभागार में संपन्न हुआ. इस अवसर पर ग्लोबल वार्मिग और इसकी वजह से पर्यावरण में आ रहे बदलाव के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई.
पर्यावरण संरक्षण में चर्च की क्या भूमिका हो, इस पर भी विमर्श किया गया. सेमिनार में डॉ इवा हांसदा ने पर्यावरण में बदलाव की वजह से महिलाओं पर पड़नेवाले प्रभावों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि पर्यावरण में किसी भी तरह के बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं होती हैं. पिछले दिनों बांग्लादेश में आये तूफान की वजह से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हुई. इस तरह के हादसों का सामना करने में वे विफल रहती हैं.
झारखंड सहित देश के अन्य हिस्सों में भी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से महिलाओं की आजीविका तथा सामान्य दिनचर्या प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि चर्च के प्रतिनिधियों को पर्यावरण संरक्षण तथा इस तरह के मुद्दे को लेकर पहल करनी होगी. बिशप एएस हेंब्रोम ने कहा कि चर्च ने शुरू से ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है. मौके पर गोस्सनर थियोलॉजिकल सभागार के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण पर नाटक प्रस्तुत किया.