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राजधानी के थानों में सब कुछ था बदला-बदला
मुख्यमंत्री रघुवर दास की सख्ती के दूसरे दिन थानों में दिखा पुलिस का दोस्ताना व्यवहार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक दिसंबर को पुलिस अफसरों को स्पष्ट आदेश दिया था कि आम लोगों से गलत व्यवहार और क्राइम कंट्रोल में अक्षम अफसरों को बख्शा नहीं जायेगा. सीएम की इस सख्ती के बाद दो दिसंबर को राजधानी […]
मुख्यमंत्री रघुवर दास की सख्ती के दूसरे दिन थानों में दिखा पुलिस का दोस्ताना व्यवहार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक दिसंबर को पुलिस अफसरों को स्पष्ट आदेश दिया था कि आम लोगों से गलत व्यवहार और क्राइम कंट्रोल में अक्षम अफसरों को बख्शा नहीं जायेगा. सीएम की इस सख्ती के बाद दो दिसंबर को राजधानी के थानों की स्थिति बदली-बदली सी नजर आयी.
दो दिसंबर को प्रभात खबर की टीम कई थानों में पहुंची. टीम के सदस्यों ने पहचान छिपा कर शिकायत दर्ज कराने की बात कही. इस दौरान थानाें के पुलिसकर्मी व पदाधिकारी का व्यवहार न सिर्फ मददगार का रहा, बल्कि प्राथमिकी या सनहा दर्ज कराने के लिए सहयोगात्मक रहा. प्रस्तुत है कुछ थानों की स्थिति.
रांची : दिन के करीब 2.00 बजे मैं पर्स गुम होने की सूचना देने थाना पहुंची. पुलिसकर्मियों ने पूरी बात सुनी, फिर मदद का आश्वासन दिया. एक पुलिस ने बताया कि एक लिखित आवेदन दे दें.
आपके पर्स में क्या क्या चीजें हैं, इसकी जानकारी जरूर दे़ं थाने में मौजूद महिला पुलिसकर्मी ने कागज उपलब्ध कराया, फिर थाना प्रभारी ने सामने बैठा कर आवेदन लिखवाया़ पर्स गुम होने का सनहा दर्ज कर रिसीविंग भी दी गयी़ इस दौरान कुछ अन्य शिकायतकर्ता भी पहुंचे, लेकिन सभी के साथ पुलिसकर्मियों का व्यवहार दोस्ताना था.
छेड़खानी के संबंध में जब शिकायत दर्ज करने पहुंचने पर लालपुर थाना में महिला व पुरुष पुलिसकर्मी मिले. पुलिसकर्मियों ने अच्छा व्यवहार किया. पहले बैठने के लिए कहा, फिर पूरी बात सुनी. सारी बातों को सुनने के बाद एक पुलिसकर्मी ने बेटा कह कर संबोधित किया.
कहा कि क्या छेड़खानी करनेवाला लड़का घटनास्थल पर होगा़ आपकोे मौजूद पुलिसकर्मी को सूचना तुरंत देनी चाहिए़ यदि वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं था, तो पीसीआर वैन या 100 नंबर डायल कर सकते थे. यदि अज्ञात व्यक्ति पर सनहा दर्ज करना चाहते हैं, तो कर सकते है़
थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने नंबर देते हुए कहा कि यदि दुबारा कोई परेशानी होती है, तो तुरंत फोन कर सूचना दे़ं वहीं कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा यह बताया गया कि अगर सड़क पर कोई भी छेड़खानी करता है, तो जोर से हल्ला करें. इससे आसपास के लोग आपके सपोर्ट में खड़े होंगे.
कोतवाली थाने की पुलिस ने छेड़खानी की शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई की बात कही. जब थानेदार को बताया गया कि मेरे साथ अलबर्ट एक्का चौक पर छेड़खानी हुई है़
कुछ मनचलों ने अश्लील फब्तियां भी कसी़ यह भी बताया कि जब पुलिस को बताने की बात कही, तो युवकों ने कहा कि जाओ बता दो. घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद थाना प्रभारी व महिला पुलिस ने समझाया कि शिकायत बाद में दर्ज कराइयेगा. जब शिकायत दर्ज करने का आग्रह किया, तो थाना प्रभारी ने कहा कि आप लिख कर दे सकती हैं, पर प्राथमिकी किसके खिलाफ दर्ज करेंगे.
अभी लड़के वहीं पर हो सकते हैं. आप आगे-आगे चलिए, हम पीछे रहते हैं. अगर लड़के दिखेंगे, तो हम उन्हें पकड़ पायेंगे.
बैग गुम होने के संबध में बरियातू थाने में एफआइआर दर्ज कराने थाना पहुंचने पर थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने अभिभावक जैसा व्यवहार किया. शिकायत लिखने के लिए कागज और कार्बन दिया.
पूरा मामला लिख कर देने के बाद तुरंत रिसीव किया गया और बताया गया कि जल्द ही रिसीविंग देते हैं. आवेदन में यह जिक्र भी था कि बैग में सिम भी था. थाना प्रभारी ने सिम सीम का नंबर मांगा. थानेदार ने कहा कि बिना नंबर के आवेदन अधूरा है़
नंबर देने पर ही यह सनहा दर्ज होगा. इसके साथ एक परफॉर्मा भरने काे दिया जायेगा़ इसके लिए प्राथिमकी दर्ज नहीं की जा सकती है, पर सनहा दर्ज कर लिया जायेगा. प्रक्रिया बताने के दौरान थाना प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मी का व्यवहार दोस्ताना था.
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