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झारखंड किसान मजदूर महासंघ के अधिवेशन में राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अध्यक्ष ने कहा, राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करे सरकार

रांची : राष्ट्रीय श्रमिक संगठन, अहमदाबाद के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि झारखंड में 70 प्रतिशत लोग गांव में निवास करते है. उनकी जीविका कृषि पर आधारित है. फिर भी आज तक किसान अपने अधिकारों से वंचित है़ं गांव व शहर में बहुत अंतर है. किसान शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. जब […]

रांची : राष्ट्रीय श्रमिक संगठन, अहमदाबाद के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि झारखंड में 70 प्रतिशत लोग गांव में निवास करते है. उनकी जीविका कृषि पर आधारित है. फिर भी आज तक किसान अपने अधिकारों से वंचित है़ं गांव व शहर में बहुत अंतर है. किसान शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. जब तक गांव का समुचित विकास नहीं होगा, तब तक राज्य का संपूर्ण विकास संभव नहीं है. उक्त बातें उन्होंने झारखंड किसान मजदूर महासंघ द्वारा एसएन सिन्हा इंस्टीच्यूट में आयोजित राज्यस्तरीय अधिवेशन में कही.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण किसान अकाल की स्थिति का सामना करने को मजबूर हैं. सरकार जल्द से जल्द राज्य को सूखग्रस्त घोषित करे. श्री सिंह ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सरकार जो भी नीति बनाये, उसमें ग्रामसभा को तय करने का अधिकार होना चाहिए. साथ ही गांव के आतंरिक संसाधन को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाना चाहिए. कोई भी योजना को समय सीमा के अंदर करने की बाध्यता हो.
महामंत्री शिव उरांव ने कहा कि झारखंड में 80 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है. सरकार अगर आदिवासियों का विकास करना चाहती है तो आदिवाती हित और संस्कृति को देखते हुए नीति का निर्धारण करे. अधिवेशन में पांच प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. इसमें झारखंड काे सूखाग्रस्त घोषित करने, सरकार आपदा प्रबंधन कोष से किसानों को मुआवजा देने, गांव की परियोजना के निर्धारण में ग्रामसभा के सुझाव को शामिल करने, गांव में उपलब्ध संसाधन का अधिक से अधिक प्रयोग करने, गांव के विकास में उपलब्ध राशि ग्रामसभा के खाते में जमा करना शामिल है. अधिवेशन में सुभाष कुमार, सुनील कुमार पिंगुआ, प्रदीप टोप्पो, अभय कुमार सिंह, बाहलेन बोदरा, अश्वनी कुमार, महेंद्र महतो, विजय उरांव सहित दो सौ से अधिक प्रतिनिधि शामिल थे.

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