पुलिस में प्रोन्नति में 25 फीसदी कटौती का विरोध शुरू पुलिस एसोसिएशन व मेंस एसोसिएशन ने दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापनवरीय संवाददाता, रांचीपुलिस विभाग में एएसआइ व एसआइ रैंक में वरीयता के आधार पर प्रोन्निति में 25 प्रतिशत की कटौती के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है. 26 नवंबर को पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग की. कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय मनमाने ढंग से काम करना चाह रहा है, जो उचित नहीं है. ज्ञापन में कहा गया है कि सिपाही संवर्ग के कर्मियों को अब तक वरीयता के आधार पर एएसआइ और एएसआइ के वरीयता के आधार पर एसआइ के पद पर प्रोन्नति मिलती रही है. एसआइ रैंक में 50 प्रतिशत रिक्ति पर एएसआइ को वरीयता के आधार पर प्रोन्नति दी जाती है. लेकिन, पुलिस मुख्यालय ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें एसआइ व एएसआइ रैंक में वरीयता के आधार पर अब सिर्फ रिक्ति के 25 प्रतिशत पदों पर ही प्रोन्नति मिलेगी. 25 प्रतिशत पदों को सीमित परीक्षा के जरिए भरने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद सिपाहियों को वरीयता के आधार पर रिटायरमेंट के वक्त भी प्रोन्नति मिल पायेगी. उल्लेखनीय है कि पुलिस मुख्यालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें कहा गया है कि पांच साल से दस साल की नौकरी कर चुके सिपाही सीमित परीक्षा के जरिये एएसआइ या एसआई रैंक में नियुक्त हो सकते हैं. एसोसिएशन का कहना है कि इसका लाभ उन पुलिसकर्मियों को ही मिलेगा, जो ज्यादा पढ़े-लिखे हैं और आराम वाले स्थान पर ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे सिपाहियों को ही सीमित परीक्षा की तैयारी करने का वक्त मिलेगा. जो सिपाही नक्सल प्रभावित इलाके में काम कर रहे हैं, उन्हें न तो पढ़ने-लिखने का वक्त मिलेगा और न ही सीमित परीक्षा की तैयारी करने का. ज्ञापन में पुलिस एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष विरेंद्र पासवान, महामंत्री कमल किशोर, पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष रामाकांत उपाध्याय और संगठन महामंत्री अमलेश कुमार सिंह का हस्ताक्षर है. हवलदार में प्रोन्नति की अनिवार्यता का भी विरोधपुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पुलिस मुख्यालय के उस प्रस्ताव का भी विरोध किया है, जिसमें कहा गया है कि हर सिपाही को हवलदार रैंक में प्रोन्नति को अनिवार्य किया जायेगा. पदाधिकारियों का कहना है कि यह प्रस्ताव पुलिस मैनुअल के विरुद्ध है. जो सिपाही 10-20 साल की नौकरी कर चुके हैं और पीटीसी उतीर्ण हैं, उन्हें हवलदार रैंक में कैसे प्रोन्नति दी जा सकती है. प्री-प्रमोशनल कोर्स की बात भी गलतएसोसिएशन ने ज्ञापन में कहा है कि पुलिस मुख्यालय द्वारा सिपाही से इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों के प्रमोशन के लिए प्री प्रमोशनल कोर्स पास करने की बात को अनिवार्य किया जा रहा है. इस तरह का कोई भी प्रस्ताव पुलिस मैनुअल, राज्य सेवा संहिता, भारत सरकार और कोर्ट के आदेश के खिलाफ है.
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पुलिस में प्रोन्नति में 25 फीसदी कटौती का विरोध शुरू
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