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जलछाजन क्षेत्र में काम करनेवाली सबसे सफल संस्था बनी केजीवीके (फोटो सिटी में)

जलछाजन क्षेत्र में काम करनेवाली सबसे सफल संस्था बनी केजीवीके (फोटो सिटी में) रांची, रामगढ़ व सरायकेला-खरसावां में चल रहीं है जलछाजन परियोजनाएंस्थापना दिवस पर सीएम ने किया सम्मानितअमरनाथ ठाकुर, रांची झारखंड की अग्रणी गैर सरकारी संस्था कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके रूक्का) को झारखंड के 16वें स्थापना दिवस पर सम्मानित किया गया. झारखंड राज्य […]

जलछाजन क्षेत्र में काम करनेवाली सबसे सफल संस्था बनी केजीवीके (फोटो सिटी में) रांची, रामगढ़ व सरायकेला-खरसावां में चल रहीं है जलछाजन परियोजनाएंस्थापना दिवस पर सीएम ने किया सम्मानितअमरनाथ ठाकुर, रांची झारखंड की अग्रणी गैर सरकारी संस्था कृषि ग्राम विकास केंद्र (केजीवीके रूक्का) को झारखंड के 16वें स्थापना दिवस पर सम्मानित किया गया. झारखंड राज्य जलछाजन मिशन की राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी ने केजीवीके को जलछाजन के क्षेत्र में सबसे उत्कृष्ट कार्य करनेवाली संस्था बताते हुए राज्यस्तरीय पुरस्कार प्रदान किया. यह पुरस्कार स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा केजीवीके को प्रदान किया गया. जलछाजन मिशन के मुख्य मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बी निजलिंगप्पा के अनुसार स्टेट इंस्टीटयूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के माध्यम से कराए गये मूल्यांकन के पहले बैच में तीन जलछाजन समितियों का चयन उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए किया गया. इसमें केजीवीके द्वारा संचालित समेकित जलछाजन परियोजना ओरमांझी के तहत रूक्का जलछाजन समिति व कुल्ही जलछाजन समिति को क्रमश: पहला व दूसरा स्थान मिला. जबकि तीसरे स्थान पर भूमि संरक्षण पदाधिकारी गोड्डा के अंतर्गत संचालित कझिया जलछाजन समिति रही. वहीं बैच 2 में स्किल प्रो, हैदराबाद द्वारा कराए गए मूल्यांकन में केजीवीके संचालित समेकित जलछाजन परियोजना नामकुम की दो जलछाजन समितियों रामपुर व महिलौंग को क्रमश: पहला व दूसरा स्थान मिला. वहीं प्रदान बोकारो द्वारा संचालित गोंबई नदी जलछाजन समिति को तीसरा स्थान मिला. बाक्स के लिए :एक कुएं से तीन एकड़ खेत की सिंचाईजलछाजन परियोजना ओरमांझी के तहत हुटुप में बनाए गए एक कुएं से तीन एकड खेत सिंचित हो रहे हैं. इस कुएं के निर्माण की वजह से आसपास के खरीफ धान की फसलों को सिंचाई कर न सिर्फ बचाया गया बल्कि बंजर पडी टांड़ भूमि में सब्जियों की अगात खेती भी संभव हो सकी है. इस कुएं का लाभ सिंकदर महतो, बालेश्वर महतो, मनोज महतो, गहनू महतो व राजाराम महतो को मिला है. कनीय अभियंता भजन कुमार मंडल ने बताया कि कुएं का जलस्रोत इतना बढ़िया है कि सिंचाई के बाद चार-पांच घंटे में ही कुएं का जलस्तर दुबारा सामान्य हो जाता है. वहीं किसानों ने बताया कि इस कुएं की वजह से आलू, टमाटर, बैंगन, भिंडी आदि सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा मिल रहा है. केजीवीके के वाइस प्रेसिडेंट बृजकिशोर झवर ने हुटुप का दौरा कर किसानों के अनुभव को जाना.

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