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राज्य गठन के 15 वर्ष : दो कदम आगे बढ़ा झारखंड

झारखंड के साथ बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में विकास के कार्य की चर्चा होती रही है़ लेकिन ऐसा नहीं है कि झारखंड में कुछ भी काम नहीं हुआ है. 15 वर्षों में तमाम चुनौतियों के बावजूद झारखंड दो कदम आगे तो बढ़ा ही है, यह दिखता भी है़ लेकिन यह भी सत्य है कि झारखंड […]

झारखंड के साथ बने छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में विकास के कार्य की चर्चा होती रही है़ लेकिन ऐसा नहीं है कि झारखंड में कुछ भी काम नहीं हुआ है. 15 वर्षों में तमाम चुनौतियों के बावजूद झारखंड दो कदम आगे तो बढ़ा ही है, यह दिखता भी है़ लेकिन यह भी सत्य है कि झारखंड में अभी बहुत काम होने बाकी हैं. इसके लिए प्रयास हो रहे हैं.
15 वर्षों में झारखंड में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बने, सड़कें बनी हैं, पुल-पुलिये बने हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार हुआ है़ निवेश का माहौल बना है़
बहालियां हुई हैं, रोजगार मिल रहे हैं. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद भी करीब छह गुना बढ़ा है. प्रति व्यक्ति आय में भी पांच गुना वृद्धि हुई है. गरीबी का आंकड़ा भी 45 प्रतिशत से गिर कर 37 प्रतिशत तक पहुंचा है. अब सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती है कि कैसे विकास की गति को तेज किया जाये़
आर्थिक दशा : गरीबी घटी
2001 2015
बीपीएल परिवार 45 फीसदी 37 फीसदी
योजना आकार 1650 करोड़ 32136 करोड़
प्रति व्यक्ति आय 10345 रुपये 52147 रुपये
सकल घरेलू उत्पाद 3506873 लाख रु 19751431 लाख रु
सड़क : निर्माण में तेजी
झारखंड गठन के बाद से सड़कों का निर्माण भी तेजी से हुआ है. हालांकि अभी भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां सड़क का निर्माण नहीं हो सका है या चल रहा है. कहा जा रहा है कि यदि एक हजार किमी और स्टेट हाइवे की लंबाई बढ़ जाये, तो यह राष्ट्रीय औसत को प्राप्त कर लेगा. झारखंड गठन के बाद से एनएच-33 को रांची से हजारीबाग तक फोर लेन किया गया. गोविंदपुर से साहेबगंज के बीच सड़क निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. राज्यभर में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.
क्षेत्र 2001 2015
एनएच की कुल लंबाई 1844 किमी 2800 किमी
स्टेट हाइवे की लंबाई 3000 किमी 6500 किमी
स्वास्थ्य : सुविधाएं बढ़ी
झारखंड बनने के बाद 15 सालों में पारा मेडिकल स्टॉफ व नर्सिंग की सुविधाओं का विस्तार हुआ है. नये अस्पताल बने हैं. कई जिलों में सदर अस्पतालों का विस्तारीकरण हुआ है. रांची में सदर अस्पताल का नया भवन बना. रिम्स में सुपर स्पेशियालिटी सुविधा आरंभ की गयी. हृदय रोगियों की पहले दूसरे राज्यों पर निर्भरता पर थी, यह अब कम हुई है. राज्य में ही हृदय रोग, कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध होने लगी है.
क्षेत्र 2000 2015
सरकारी डॉक्टर की उपलब्धता 38705 व्यक्ति पर एक 16450 व्यक्ति पर एक
मृत्यु दर प्रति 10 हजार पर 8.8 प्रति 10 हजार पर 6.6
जन्म दर 26.3 24.4
शिशु मृत्यु दर 62 37
मातृ मृत्यु दर 400 219
बिजली : खपत बढ़ी
क्षेत्र 2000 2015
खपत 550 मेगावाट 2050 मेगावाट
बिना बिजली के गांव 29 हजार 1850
वर्ष 2000 में जहां राज्यभर में 550 मेगावाट बिजली की खपत होती थी. वहीं आज बढ़ कर 2050 मेगावाट हो गयी है. रांची शहर को संयुक्त बिहार के समय औसतन आठ से 10 घंटे बिजली मिलती थी. आज 20 से 22 घंटे बिजली दी जा रही है. जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, बोकारो, दुमका जैसे शहरों में भी बिजली सेवा का विस्तार हुआ है. नयी ट्रांसमिशन लाइन बनायी गयी हैं. हालांकि नये पावर प्लांट की दिशा में कुछ बेहतर काम नहीं हुआ है़
कृषि : अब भी चुनौती
राज्य गठन के 15 साल के बाद भी खेती भगवान (बारिश) भरोसे है. 15 वर्षों में 10 साल से अधिक बार राज्य में सूखे की स्थिति आयी है. सिंचाई सुविधा में जरूरत भर विकास नहीं होने के कारण हम खेतों को संकट से उबारने लायक भी पानी नहीं दे पाते हैं. यही कारण है कि औसतन 1200-1400 मिमी सालाना बारिश के बाद भी राज्य में जल संकट रहता है. आज भी कुल सिंचिंत क्षेत्र मात्र 11.3 फीसदी है. 90 फीसदी कृषि योग्य भूमि आज भी असिंचित है. जो सरकार के लिए भी एक चुनौती है.
क्षेत्र 2001 2015
खाद्यान उत्पादन 29 मिलियन टन 35.36 मिलियन टन
खेती की भूमि 14 लाख हेक्टेयर 16 लाख हेक्टेयर
उद्योग : बढ़ा निवेश
झारखंड गठन के बाद उद्योगों का तेजी से विस्तार हुआ. मेगा सेक्टर की 33 कंपनियां अब तक यहां 30133 करोड़ का निवेश कर चुकी हैं. मध्यम स्तर के 115 नये उद्योग 8446 करोड़ का निवेश कर चुके हैं. राज्य गठन के पूर्व यहां 18 हजार लघु उद्योग थे. आज 38068 लघु उद्योग हैं. लघु उद्योगों ने 1222 करोड़ का निवेश कर लगभग डेढ़ लाख लोगों को रोजगार दिया है. राज्य में औद्योगिक विकास दर 12.66 फीसदी की दर से बढ़ी है. अल्यूमिनियम का उत्पादन पांच गुना तक बढ़ चुका है.
क्षेत्र 2001 2015
स्टील उत्पादन आठ एमटी 13एमटी
तसर शिल्क उत्पादन 600 एमटी 1500 एमटी
नये भवन
झारखंड गठन के बाद से ही यहां सरकारी भवनों के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ. इस दौरान कई स्टेट ऑफ आर्ट भवन भी बने. राजधानी रांची में ही कई नये भवनों का निर्माण हुआ.
आज मल्टी लेबल पार्किंग के साथ समाहरणालय भवन खड़ा है. रांची कोर्ट का भवन बना. रामगढ़, कोडरमा, धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा में भी नये कोर्ट भवन बने हैं. 100 से ज्यादा प्रखंडों में नये प्रखंड भवन बने. नेपाल हाउस सचिवालय का विस्तार कर योजना भवन बनाया गया. जैक भवन, सूचना भवन,ज्यूडिशियल एकेडमी भवन, लॉ यूनिवर्सिटी,मार्केटिंग बोर्ड भवन, रांची समेत सभी जिलों में नये सर्किट हाउस भवन बने. डोरंडा में हाइकोर्ट के जजों के लिए नये आवास बने.
शिक्षा
क्षेत्र 2000 2015
प्राथमिक व मध्य विद्यालय 19000 41 हजार
प्लस टू उच्च विद्यालय 59 230
मॉडल स्कूल — 89
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय — 260
अपग्रेड उच्च विद्यालय — 1232
प्राथमिक विद्यालयों में छात्र 22 लाख 49 लाख

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