रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा पांचवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के रिजल्ट पर कई उम्मीदवारों ने प्रथम दृष्टया प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है. तीन नवंबर को जारी रिजल्ट में कई सफल उम्मीदवारों का रोल नंबर लगातार है. बताया जाता है कि लगातार सफल उम्मीदवार एक ही कोचिंग संस्थान में पढ़ते थे. इसी कोचिंग संस्थान में राज्य के एक आला अधिकारी की बेटी भी पढ़ती थी अौर वह भी सफल हुई है. कई उम्मीदवारों ने बताया है कि सफल उम्मीदवारों में कई उत्तरप्रदेश के हैं. मानवशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, भूगोल जैसे विषयों में कम मार्किंग में भी परीक्षार्थियों का चयन हुआ है.
जांच का निर्देश दिया
पांचवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में एक अन्य मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा कार्मिक सचिव को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. कई भुक्तभोगी उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री जन शिकायत कोषांग में पत्र भेज कर कहा है कि मुख्य परीक्षा में 618 उम्मीदवारों को तकनीकी कारणों का हवाला देकर रिजल्ट रद्द कर दिया गया है. उम्मीदवारों ने इसकी जांच कराने की मांग की.
परीक्षा नियंत्रक ने बताया महज संयोग
झारखंड लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक विवेक अखौरी इसे महज संयोग बता रहे हैं. उनका कहना है कि रिजल्ट प्रकाशन में बहुत ही सावधानी बरती गयी है. मूल्यांकन तक केंद्रीयकृत तरीके से किया गया है. मेधा के अाधार पर रिजल्ट जारी करने पर यह संभव हो सकता है. इसमें कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं है.
जहां तक एक ही कोचिंग संस्थान की बात है तो यह कोई मायने नहीं रखता है. इसे भी संयोग ही कहा जा सकता है. विद्यार्थी अपनी तैयारी से भी उत्तीर्ण होते हैं. कई मामलों में कोचिंग संस्थान वाले भी इस तरह की अफवाह उड़ा कर विद्यार्थियों में अपनी जगह बनाने का प्रयास करते हैं. इस तरह के प्रचार के लिए झूठ प्रचारित करते हैं. रिजल्ट पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड तरीके से तैयार किया गया है. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका निराधार है.
एक सीरीज में 19 में से 16 का चयन
61320441, 442, 443, 444, 445, 446, 447, 448, 449, 451, 452, 454, 455, 456, 457, 459.
इसी प्रकार 12 में नौ उम्मीदवारों का चयन
61323239, 241, 242, 243, 244, 245, 246, 248, 250.