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हर माह दो लाख की मुफ्त जांच
रिम्स : शिक्षण कार्य के नाम पर ली जा रही सुविधा राजीव पांडेय रांची : राज्य के सबसे बड़े संस्थान रिम्स में शिक्षण कार्य के नाम पर हर माह दो लाख रुपये से अधिक की मुफ्त जांच करायी जाती है. हर माह औसतन सिटी स्कैन के 150 व एमआरआइ के 30 मरीजों की जांच की […]
रिम्स : शिक्षण कार्य के नाम पर ली जा रही सुविधा
राजीव पांडेय
रांची : राज्य के सबसे बड़े संस्थान रिम्स में शिक्षण कार्य के नाम पर हर माह दो लाख रुपये से अधिक की मुफ्त जांच करायी जाती है. हर माह औसतन सिटी स्कैन के 150 व एमआरआइ के 30 मरीजों की जांच की जाती है.
शिक्षण कार्य के लिए की गयी जांच की यह राशि सिर्फ महत्वपूर्ण जांच एमआरआइ व सीटी स्कैन की है. खून व अल्ट्रासाउंड की मुफ्त जांच भी करायी जाती है.
सीटी स्कैन व एमआरआइ की जांच काफी महंगी है. शिक्षण कार्य के लिए जांच का उपयोग मेडिसिन विभाग के दो वरिष्ठ चिकित्सक ही करते हैं, जिसकी जानकारी रिम्स प्रबंधन को है. विशेषज्ञ कहते है कि बेहद गरीब मरीज जिनकाे बीपीएल की सुविधा नहीं हो वैसे मरीजों की जांच होनी चाहिए.
अक्तूबर व नवंबर में हुई 50 एमआरआइ जांच
रिम्स से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सितंबर व अक्तूबर में 50 एमआरआइ जांच शैक्षणिक कार्य के लिए की गयी. सितंबर में 21 मरीजों की व अक्तूबर माह में 29 मरीजों की एमआरआइ जांच की गयी. यानी दो माह में 1,75,000 हजार रुपये की एमआरआइ जांच मुफ्त में की गयी. विगत वुधवार को एक ही दिन एक चिकित्सक ने सात एवं दूसरे चिकित्सक ने तीन जांच शिक्षण कार्य के लिए भेजा था.
शिक्षण कार्य की प्रक्रिया
शिक्षण कार्य से जांच के लिए मरीज का भरती होना जरूरी है. जांच के लिए यूनिट के इंचार्ज अधिकृत अधिकारी से मुफ्त जांच का आग्रह करते है. आग्रह पत्र पर अधिकृत अधिकारी अनुमति देते हैं.
सिटी स्कैन व खून जांच का कोई रिकॉर्ड नहीं
रिम्स में शिक्षण कार्य से जांच का रिकॉर्ड सिर्फ एमआरआइ में रखा जाता है. सिटी स्कैन एवं खून की जांच का का कोई रिकॉर्ड नहीं है. सिटी स्कैन सेंटर के एक सूत्र के अनुसार हर माह शिक्षण कार्य से करीब 150 जांच होती है. वहीं खून की जांच का आंकड़ा इससे काफी अधिक है.
जांच व खर्च (रुपये)
सिटी स्कैन 800 से 1000
एमआरआइ 3500
शैक्षणिक कार्य नहीं मरीज हित में हो उपयोग
मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक कार्य में किसी प्रकार की जांच नहीं होनी चाहिए. मरीज हित में ही जांच की जानी चाहिए. अगर सिर्फ शैक्षणिक कार्य के लिए जांच की जा रही है, तो यह गलत है. पूरे मामले की जानकारी ली जायेगी.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
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