रांची: झारखंड छात्र संघ के सदस्यों ने सहायक शिक्षक व उर्दू शिक्षक नियुक्ति में अनारक्षित सामान्य पदों पर राज्य के अभ्यर्थियों को बहाल करने की मांग करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया.
जिला शिक्षा अधीक्षक के माध्यम से राज्यपाल के सलाहकार को मांगपत्र भी सौंपा. संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि राज्य में तृतीय वर्ग की बहाली होनी है, राज्य के बच्चों को पढ़ाना है और वेतन भी झारखंड सरकार देगी, इसलिए इस वर्ग की नियुक्ति में राज्य के अभ्यर्थियों की ही बहाली होनी चाहिए. आवासीय प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाये. बिहार सरकार ने भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के इंटरव्यू में दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को अवसर नहीं दिया है.
उन्होंने कहा कि नियुक्ति में शैक्षणिक मेधा अंक की जगह टीइटी के मेरिट लिस्ट को आधार बनाया जाये. सीबीएसइ, आइसीएसई बोर्ड में प्राप्तांक अधिक रहता है. शैक्षणिक मेधा अंक नहीं हटाने पर पूर्व की नियुक्तियों की तरह इसमें भी दूसरे राज्य के अभ्यर्थी लाभान्वित होकर अनारक्षित पदों पर बहाल हो जायेंगे.
उर्दू शिक्षकों के 1561 आरक्षित (एससी/एसटी) पदों के लिए आवेदन नहीं आये, न कोई परीक्षा में शामिल हुआ है. इसलिए उन पदों को पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग में संबद्ध करना चाहिए. घेराव व धरना-प्रदर्शन में शिवा कच्छप, राकेश किरण, नाजिया तबस्सुम, शम्सुल हक, ओम प्रकाश, इस्मे आजम, मो इमरान, मो फुरकान, नसरीन परवीन व अन्य शामिल थे.