पुलिस-प्रशासन स्वयं अनुसंधान नहीं कर मुखबीरों के आधार पर फैसला ले रही है, इसीलिए आदिवासी, मुसलिम, पिछड़े और दलित वर्ग के निर्दोष लोग जेलों में बंद है़ं .
उन्होंने कहा कि कई तरह से निर्दोष साबित होने के बावजूद पुलिस प्रशासन डॉ इंतेजार अली को रिहा नहीं कर अपनी गलतियां छिपाने के लिए अनुसंधान के नाम पर उनके परिवार के लोगों को प्रताड़ित कर रही है़ रिहाई की मांग को लेकर 10 अक्तूबर से हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा़ वहीं आंदोलन को तेज किया जायेगा. बैठक में रंजीत उरांव, मो इमरान, अमर उरांव, धर्मेन्द्र कुमार, मो फुरकान, लतीफ आलम, आफताब आलम, मो जियाउद्दीन, रेहान, नौशाद सहित कई छात्र मौजूद थे़.