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बिना निबंधन व बीमा के बांट दिये गये ट्रैक्टर
मनोज सिंह रांची : वित्तीय वर्ष 2014-15 में ट्रैक्टर आपूर्ति करने वाली कंपनियों ने बिना निबंधन और बीमा कराये ही ट्रैक्टर की आपूर्ति कर दी है. टेंडर की शर्त में शामिल था कि कंपनियों को ट्रैक्टर की आपूर्ति करने के बाद उसका निबंधन और बीमा भी कराना है. निबंधन और बीमा नहीं होने के कारण […]
मनोज सिंह
रांची : वित्तीय वर्ष 2014-15 में ट्रैक्टर आपूर्ति करने वाली कंपनियों ने बिना निबंधन और बीमा कराये ही ट्रैक्टर की आपूर्ति कर दी है. टेंडर की शर्त में शामिल था कि कंपनियों को ट्रैक्टर की आपूर्ति करने के बाद उसका निबंधन और बीमा भी कराना है. निबंधन और बीमा नहीं होने के कारण कई जिलों में किसान इसे सड़क पर नहीं ले जा रहे हैं.
एक-एक ट्रैक्टर के बीमा और निबंधन पर करीब 40 हजार रुपये का खर्च आयेगा. कृषि विभाग का भूमि संरक्षण निदेशालय ने किसानों को अनुदान में ट्रैक्टर दिलाया था. निबंधन और बीमा नहीं होने की सूचना पर निदेशालय सभी जिलों के भूमि संरक्षण पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. उनको निर्देश दिया गया है कि आपूर्तिकर्ता से बीमा और निबंधन सुनिश्चित करायी जाये. ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों को काली सूची में डाला जायेगा.
करीब 300 ट्रैक्टरों का हुआ था वितरण
कृषि यांत्रीकरण प्रोत्साहन योजना के तहत कृषि विभाग ने 2014-15 में कुल 500 ट्रैक्टरों के वितरण का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में करीब 300 ट्रैक्टरों का वितरण किया गया था. इसमें से अधिकतर ट्रैक्टरों का निबंधन और बीमा नहीं हो पाया है. भूमि संरक्षण निदेशालय ने ट्रैक्टरों की आपूर्ति के लिए कई कंपनियों को अधिसूचित किया था. इसके लिए कुल साढ़े आठ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. सरकार ने अधिकतम एक लाख 70 हजार रुपये या 50 फीसदी सब्सिडी के रूप में देने का निर्णय लिया था.
इस बार बिना निबंधन और बीमा के नहीं बटेंगे ट्रैक्टर
भूमि संरक्षण निदेशालय ने इस बार बीमा और निबंधन कराये बिना ट्रैक्टर नहीं बांटने का निर्णय लिया है. किसानों को ट्रैक्टर कैंप लगा कर बांटा जाता है. इसी दौरान उन्हें बीमा और निबंधन के कागजात भी दिये जायेंगे.
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