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निगरानी की टीम को बनाया बंधक

रिश्वत के आरोप में चान्हो बीडीओ को गिरफ्तार करने गयी निगरानी की टीम को ग्रामीणों ने घेरा रांची/चान्हो : चान्हो के बीडीओ प्रवीण कुमार को रिश्वत लेने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार करने गयी निगरानी ब्यूरो की टीम को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में […]

रिश्वत के आरोप में चान्हो बीडीओ को गिरफ्तार करने गयी निगरानी की टीम को ग्रामीणों ने घेरा
रांची/चान्हो : चान्हो के बीडीओ प्रवीण कुमार को रिश्वत लेने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार करने गयी निगरानी ब्यूरो की टीम को स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां जुट गये और निगरानी की टीम को घेर लिया. स्थानीय लोग बीडीओ की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे.
उन्हें निदरेष बता रहे थे. घटना को लेकर प्रखंड मुख्यालय में करीब चार घंटे तक हंगामा होता रहा. बाद में आक्रोशित लोगों ने निगरानी के हाथ से बीडीओ को जबरन छुड़ा लिया. निगरानी की पूरी टीम को साढ़े चार घंटे तक बीडीओ कार्यालय में ही बंधक बना लिया. ग्रामीण निगरानी की टीम से बीडीओ पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का लिखित आश्वासन दिये जाने की मांग पर अड़े हुए थे.
बाद में निगरानी ब्यूरो के दंडाधिकारी संजीव कुमार लाल ने आयुक्त स्तर के पदाधिकारी से पूरे मामले की जांच कराने व जांच से पहले किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन दिया. इसके बाद बीडीओ को उनके आवास से लाकर प्रखंड कार्यालय में बैठाया गया, तब जाकर मामला शांत हुआ.
क्या है मामला: जानकारी के अनुसार चान्हो के ओपा निवासी मोहन कुमार की शिकायत पर निगरानी की टीम करीब 11 बजे चान्हो प्रखंड कार्यालय पहुंची थी़ उस वक्त बीडीओ प्रवीण कुमार कार्यालय में ही मौजूद थ़े बताया जाता है कि मोहन कुमार ने एक लंबित योजना के भुगतान को लेकर बीडीओ से बात की. इसके बाद कागज मे लपेट कर रुपये दिये.
इसी दौरान बाहर खड़े निगरानी के लोग कार्यालय में घुसे और बीडीओ को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद ही वहां हंगामा शुरू हो गया. बीडीओ के यह कहने पर कि उन्हें जबरन निगरानी की टीम द्वारा कागज में मौजूद रुपये को लेने का दबाव व मामले में जबरन फंसाने का प्रयास किया जा रहा है, कार्यालय के कर्मचारी एकजुट हो गये.
इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया. इसकी सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी वहां पहुंच गये और निगरानी की कार्रवाई का विरोध किया. घटना की जानकारी मिलने पर खलारी डीएसपी प्रमोद कुमार, इंसपेक्टर बंधन बाखला व चान्हो थाना प्रभारी रूपेश कुमार भी वहां पहुंच़े उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण बीडीओ को मुक्त करने और शिकायतकर्ता को सामने लाने की मांग पर अड़े हुए थ़े. इस बीच निगरानी की टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी बीबी तिर्की ने कई बार ग्रामीणों से बात की, लेकिन आक्रोशित लोगों ने डीएसपी के किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया.
मांडर के बीडीओ-सीओ भी पहुंचे थे
चान्हो बीडीओ पर कार्रवाई की सूचना मिलने पर मांडर बीडीओ गोपी उरांव, सीओ मुमताज अंसारी भी चान्हो पहुंचे थ़े उनका कहना था कि वे जनता के सेवक हैं. उनके कार्यालय में सभी तरह के लोग आते हैं. ऐसे में तो कोई भी किसी को झूठे आरोप में फंस सकता है. इस तरह के झूठे आरोपों से बचाव के लिए प्रखंड कार्यालय में अविलंब सीसीटीवी लगाने की मांग की गयी है़
ट्रैप फेल हुआ है: एमएल मीणा
निगरानी आइजी मुरारी लाल मीणा ने कहा ट्रैप फेल हुआ है. बीडीओ को गलत तरीके से पकड़ा गया था. ट्रैप कैसे फेल हुआ, इसकी जांच होगी. निगरानी आइजी ने बताया कि सत्यापन में बीडीओ पर रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया था. इसी जांच के आधार पर मामला दर्ज कर एक टीम को बीडीओ को गिरफ्तार करने के लिए भेजा गया था.
निगरानी के अफसरों की संपत्ति की जांच हो
रांची : झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) ने निगरानी विभाग में कार्यरत अफसरों की संपत्ति की जांच की मांग की है. इसके साथ ही चान्हो बीडीओ प्रवीण कुमार के मामले में सत्यापन करनेवाले निगरानी के अफसरों को भी बरखास्त करने की मांग की गयी है.
इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को यहां झासा कार्यालय में सदस्यों की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता दानियल कंडुलना ने की. मौके पर महासचिव यतींद्र प्रसाद सहित बड़ी संख्या में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर उपस्थित हुए.
बैठक में झासा के सदस्यों ने कहा कि निगरानी विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने के मामले में बीडीओ के खिलाफ पहले सत्यापन किया गया था. सत्यापन में मामला सही पाये जाने के बाद ही उन्हें रंगेहाथ पकड़ने टीम गयी थी. झासा के सदस्यों का कहना है कि निगरानी के अफसर ने जांच की गलत रिपोर्ट दी है.
उन्होंने सत्यापन की तिथि तीन अगस्त दिखायी है, जबकि तीन अगस्त को पूरे दिन बीडीओ सर्ड में आयोजित मंत्री व प्रधान सचिव की बैठक में थे. ऐसे में उनके मामले में कैसे सत्यापन हुआ? झासा के सदस्यों ने कहा कि जिसकी शिकायत पर यह कार्रवाई की जा रही थी, उसकी छवि भी ठीक नहीं है. ऐसे में जिस अफसर ने गलत सत्यापन किया है, उसे सेवा मुक्त कर देना चाहिए.
बैठक के पूर्व इस मामले को लेकर झासा के सदस्य रांची उपायुक्त के पास पहुंचे. उपायुक्त से इस मुद्दे पर बातचीत हुई कि एक निदरेष व साफ छवि वाले अफसर को निगरानी के द्वारा गलत तरीके से पकड़ने का प्रयास किया, फिर इस मामले में मुख्य सचिव से भी बात हुई.
झासा के सदस्यों ने कहा कि मुख्य सचिव ने इस मामले में सकारात्मक कदम उठाया है. ऐसे में झासा मुख्य सचिव व उपायुक्त का आभार व्यक्त किया है. साथ ही चान्हो की जनता की सराहना की है, जिन्होंने निगरानी की टीम की गलत मंशा को सफल होने नहीं दिया और पूरी टीम को बंधक बना कर रखे रहा.

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