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सीबीएसइ का पैटर्न पर छात्रों को अंक नहीं
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इंटर (प्लस टू) में सीबीएसइ पैटर्न को लागू किया गया है. राज्य में इंटर स्तर पर सीबीएसइ पैटर्न को लागू तो कर दिया गया, पर इसे शैक्षणिक व्यवस्था में प्रभावी नहीं बनाया गया. शिक्षकों को भी इसके अनुरूप प्रशिक्षित नहीं किया गया. इस कारण सीबीएसइ पैटर्न लागू होने के […]
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इंटर (प्लस टू) में सीबीएसइ पैटर्न को लागू किया गया है. राज्य में इंटर स्तर पर सीबीएसइ पैटर्न को लागू तो कर दिया गया, पर इसे शैक्षणिक व्यवस्था में प्रभावी नहीं बनाया गया. शिक्षकों को भी इसके अनुरूप प्रशिक्षित नहीं किया गया. इस कारण सीबीएसइ पैटर्न लागू होने के बाद भी विद्यार्थी को इसका कोई खास लाभ नहीं मिला.
जैक बोर्ड के इस वर्ष के विज्ञान संकाय के रिजल्ट में किसी भी विद्यार्थी को 90 फीसदी से अधिक अंक नहीं मिला, जबकि सीबीएसइ बोर्ड में राजधानी के एक स्कूल डीपीएस के 409 विद्यार्थियों को 90 फीसदी से अधिक अंक मिले.
सीबीएसइ बोर्ड के अधिकतर स्कूलों में स्कूल के टॉपर को 90 फीसदी से अधिक अंक मिले हैं. अंक में कमी का नुकसान राज्य के परीक्षार्थियों को उठाना पड़ता है. देश में कई ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जहां नामांकन के समय 12वीं में प्राप्त अंक को प्राथमिकता दी जाती है.
इसके अलावा इंजीनियरिंग समेत अन्य सेवाओं के कैंपस सलेक्शन के समय भी 12वीं के अंक को देखा जाता है. ऐसे में विद्यार्थी को इसका नुकसान होता है. साइंस के अलावा कॉमर्स व आर्ट्स संकाय में भी जैक बोर्ड के परीक्षार्थी को सीबीएसइ बोर्ड की तुलना में कम अंक मिलते हैं.
पूरा नहीं होता पाठय़क्रम
राज्य में सीबीएसइ का पैटर्न व पाठय़क्रम लागू करने का लाभ विद्यार्थी को नहीं मिलता. राज्य में इंटर की पढ़ाई का सिस्टम ही फेल है. राज्य में इंटर की पढ़ाई चार स्तर पर होती है.
राज्य के अंगीभूत कॉलेजों में इंटर का पाठय़क्रम पूरा नहीं होता. प्लस टू स्कूलों में शिक्षक के पद रिक्त हैं. इंटर की पढ़ाई में एकरूपता नहीं है. इंटर में एक सिलेबस के लिए तीन एकेडमिक कैलेंडर हैं.
इंटर की पढ़ाई अंगीभूत कॉलेज, डिग्री संबद्ध कॉलेज, इंटर कॉलेज व प्लस टू स्कूल, डिग्री संबद्ध कॉलेज में होती है. राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर 25 विषयों की पढ़ाई होती है, पर 171 प्लस टू उच्च विद्यालय में मात्र आठ विषय के शिक्षक हैं. सभी विद्यालय में आठ विषय के भी शिक्षक नहीं है.
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