महिलाओं पर होनेवाले अपराध को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं31 मार्च 2015 तक की स्टेट्स रिपोर्ट देंदुष्कर्म व महिला उत्पीड़न के बढ़ते मामले पर हाइकोर्ट गंभीरमामले की अगली सुनवाई जून माह में होगीवरीय संवाददाता, रांची झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को दुष्कर्म व महिला अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मामले को गंभीरता से लिया. राज्य के गृह सचिव व डीजीपी को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. महिला अत्याचार को लेकर 31 मार्च 2015 तक राज्य के विभिन्न थानों में कितनी प्राथमिकी की गयी है. अनुसंधान की क्या स्थिति है. कितने मामलों में चार्जशीट दाखिल की गयी है. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा. खंडपीठ ने यह भी कहा कि दुष्कर्म व महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों को रोकने के लिए कौन-कौन से जरूरी उपाय किये गये हंै या किये जा रहे है, से संबंधित रिपोर्ट भी दाखिल की जाये. राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता राजेश शंकर ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है. मालूम हो कि डोरंडा में बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. छेड़खानी के मामलों को भी हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है.
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गृह सचिव व डीजीपी को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश
महिलाओं पर होनेवाले अपराध को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं31 मार्च 2015 तक की स्टेट्स रिपोर्ट देंदुष्कर्म व महिला उत्पीड़न के बढ़ते मामले पर हाइकोर्ट गंभीरमामले की अगली सुनवाई जून माह में होगीवरीय संवाददाता, रांची झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को दुष्कर्म व महिला अत्याचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से […]
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