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हॉर्स ट्रेडिंग : सीबीआइ के समक्ष बाबूलाल मरांडी ने दर्ज करायी गवाही

चंद्रिका व निजामुद्दीन ने मांगी थी माफी रांची : पवन धूत का प्रस्तावक बनने पर मैंने अपनी पार्टी के तत्कालीन विधायक चंद्रिका महथा और निजामुद्दीन अंसारी से स्पष्टीकरण पूछा था. इन दोनों ने पार्टी से लिखित माफी मांगी थी. धूत ने इन दोनों विधायकों को प्रलोभन दिया था या नहीं, इसकी जानकारी विधायकों ने मुङो […]

चंद्रिका व निजामुद्दीन ने मांगी थी माफी
रांची : पवन धूत का प्रस्तावक बनने पर मैंने अपनी पार्टी के तत्कालीन विधायक चंद्रिका महथा और निजामुद्दीन अंसारी से स्पष्टीकरण पूछा था. इन दोनों ने पार्टी से लिखित माफी मांगी थी. धूत ने इन दोनों विधायकों को प्रलोभन दिया था या नहीं, इसकी जानकारी विधायकों ने मुङो नहीं थी.
झारखंड विकास मोरचा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हॉर्स ट्रेडिंग-2012 में सीबीआइ गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराये हुए यह बात कही. उन्होंने सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक एसके यादव द्वारा दिखाये गये दस्तावेज को सही बताया.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सत्य प्रकाश की अदालत में अपना बयान दर्ज कराते हुए उन्होंने कहा कि 30 मार्च 2012 को होनेवाले राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की शिकायत की थी. 26 मार्च को उन्होंने और अजय कुमार ने चुनाव आयोग को इससे संबंधित लिखित शिकायत की थी. चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को सतर्क रहने का निर्देश दिया था. इसके बाद आयकर विभाग ने चुनाव के दिन सुबह करीब पांच बजे नामकुम थाना क्षेत्र में एक गाड़ी से 2.15 करोड़ रुपये जब्त किये थे. चुनाव के दिन पैसा पकड़े जाने के बाद अजय कुमार ने चुनाव रद्द कराने की मांग करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था.
चुनाव से करीब दो माह पहले पूर्व सांसद अजय मारू ने उनसे मुलाकात की थी और राज्य के बाहर के लोगों के चुनाव में हिस्सा लेने की बात कही. अजय मारू ने चुनाव में मदद की उम्मीद जतायी थी. पर, मैंने उन्हें अपनी और कांग्रेस पार्टी के गंठबंधन की जानकारी दी थी. नामांकन के दिन उन्हें पार्टी के तत्कालीन विधायक चंद्रिका महथा और निजामुद्दीन अंसारी के निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत के प्रस्तावक बनने की जानकारी मिली. इसके बाद दोनों से स्पष्टीकरण पूछा गया. दोनों ने लिखित माफी मांगी. दोनों विधायकों ने पवन धूत द्वारा प्रलोभन दिये जाने या नहीं जाने के मामले की जानकारी उन्हें नहीं दी थी.
बाबूलाल द्वारा अपना बयान दर्ज कराये जाने के बाद पवन धूत के अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी, विक्रांत सिन्हा और विद्युत चौधरी द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब भी दिया. क्रास एग्जामिनेशन के दौरान अधिवक्ताओं ने यह जानना चाहा था कि उन्होंने प्रस्तावक बनने पर किस कानून के तहत आपत्ति की. बाबूलाल ने जवाब में यह कहा कि कानून ढूंढना आप लोगों का काम है, मेरा नहीं. सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक ने उन्हें चुनाव आयोग को भेजे गये शिकायती पत्रों को दिखाया. इसके अलावा दोनों विधायकों द्वारा दिये गये माफीनामे की मूल प्रति दिखायी. बाबूलाल ने इन दस्तावेज को सही करार दिया. साथ ही उस पर किये गये हस्ताक्षर की पहचान की.

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