रांची: केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड (सीडब्ल्यूजेबी) की वार्षिक रिपोर्ट 2012 में कहा गया है कि झारखंड में जलस्तर लगातार गिर रहा है. नवंबर 2011 की तुलना में वर्ष 2012 में दो मीटर तक जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है.
पश्चिमी सिंहभूम में सबसे अधिक 13.85 मीटर तक जलस्तर गिरा है. वहीं, पूर्वी सिंहभूम में सबसे कम 0.55 मीटर जलस्तर कम हुआ है. राज्य में अवस्थित कुओं की बात करें, तो कुएं की गहराई और बढ़ी है. औसतन कुआं का पानी छह मीटर और गहरा हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के 55 फीसदी कुएं में दो से पांच मीटर तक तक गिरावट दर्ज की गयी है.
आंकड़ों की बात करें, तो गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, बोकारो, लोहरदगा, गुमला और गिरिडीह के कुछ हिस्सों में पांच मीटर से दस मीटर तक पानी का स्तर कम हुआ है. वहीं रांची, दुमका, धनबाद, देवघर, गुमला, लोहरदगा और पलामू के आधे हिस्से में पानी का स्तर दो से पांच मीटर कम हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में लगातार जल स्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. औसतन राज्य के 51 प्रतिशत कुओं में पानी कम हुआ है, जबकि 41 फीसदी कुओं में दो मीटर पानी का लेवल कम हुआ है.