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माओवादी के खिलाफ ऑपरेशन नेपच्युन-15 खत्म, ऑपरेशन नेपच्युन16 शुरू, अरविंद तक पहुंचने की तैयारी
दुजर्य/जॉली गुमला : चैनपुर के सरगांव जंगल में मुठभेड़ रुकने के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. ऑपरेशन नेपच्युन-15 से मिली सफलता के बाद पुलिस उत्साहित हैं. लेकिन अभी भी माओवादी के शीर्ष नेता अरविंद सिंह अपने दस्ते के साथ अलग-अलग टुकड़ियों में बंट कर सिविल, जैरागी, लुरू, चांदगो व आसपास के […]
दुजर्य/जॉली
गुमला : चैनपुर के सरगांव जंगल में मुठभेड़ रुकने के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. ऑपरेशन नेपच्युन-15 से मिली सफलता के बाद पुलिस उत्साहित हैं. लेकिन अभी भी माओवादी के शीर्ष नेता अरविंद सिंह अपने दस्ते के साथ अलग-अलग टुकड़ियों में बंट कर सिविल, जैरागी, लुरू, चांदगो व आसपास के गांवों में जुटे हुए हैं.
इस कारण पुलिस ने शनिवार से पुन: ऑपरेशन नेपच्युन-16 लांच कर दिया है. अभी भी झारखंड जगुवार (जेजे) व सीआरपीएफ कोबरा 209 बटालियन के जवान व झारखंड पुलिस बल के जवान जंगल में हैं.
नये ऑपरेशन लांच होने के साथ ही पुलिस अरविंद को एक बार फिर घेरने में जुट गयी है. बताया जा रहा है कि अरविंद तीन मुठभेड़ के बाद कमजोर हो गया है. वह कड़ी सुरक्षा के बीच है. लेकिन पुलिस सुरक्षा की किलेबंदी को तोड़ कर अरविंद को पकड़ने में जुट गयी है. यहां बता दें कि 19 फरवरी से लेकर 13 मार्च तक पुलिस तीन बार अरविंद को घेर चुकी है. लेकिन हर समय वह बचता रहा. ऑपरेशन सोलह में पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष रणनीति बनायी है.
पहाड़ से शव को उतारने में 30 घंटे लगे
कौशलेंद्र
चैनपुर:चैनपुर के सरगांव जंगल में पुलिस मुठभेड़ में मारे गये नक्सली के शव को पुलिस ने कब्जे में कर लिया है. शव को पहाड़ से उतारने में 30 घंटे लगे. पुलिस को डर था कि कहीं शव में आइडी बम तो लगाया नहीं गया है. इस कारण पुलिस ने पूरी सावधानी से शव को पहले कब्जे में लिया. इसके बाद पहाड़ से उतारा.
शव को हेठजोरी के रास्ते से गुमला लाया गया. पोस्टमार्टम हाउस में शव को रखा गया है. पुलिस ने दूसरे दिन जब सर्च ऑपरेशन चलाया तो नक्सली के पास से कई सामान बरामद हुए हैं. इनमें अमेरिकी मेड का ऑटोमेटिक रायफल, 215 बोर के 111 गोली, नन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर दस पीस, इलेक्ट्रिक डेटोनेटर नौ पीस, एक पीस हैंड ग्रेनेड, दो मोबाइल, तीन पीस इलेक्ट्रिक टेस्टर, एक पिठू जिसमें दैनिक उपयोग के सामान थे. यहां बता दें कि शुक्रवार की सुबह को पुलिस ने मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. जिसमें एक शव को पुलिस ने कब्जे में किया था.
लेकिन बम फीट होने के डर से शव तक पुलिस नहीं जा रही थी. शनिवार को बड़ी मुश्किल से पुलिस ने शव को बरामद किया है. सरगांव के एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ पर शव होने की सूचना पर प्रभात खबर के प्रतिनिधि पहुंचे. उस समय वहां काफी संख्या में सीआरपीएफ कोबरा के जवान थे. वहीं पास एसडीपीओ मोहम्मद अरशी थे. जिनके चेहरे पर जीत की खुशी देखी जा रही थी. पत्रकार स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से पहाड़ पर चढ़े थे. जब पत्रकार पहुंचे तो जवान खुशी से फोटो भी खिचवायें. वहीं घटना के दूसरे दिन भी सरगांव, जैरागी, हेठजोरी व आपास के ग्रामीण दहशत में दिखे. लेकिन गोली की आवाज थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है. दूसरे दिन भी स्कूल नहीं खुले.
डीजीपी ने किया हवाई सर्वेक्षण
मुठभेड़ की सूचना पर डीआइजी अरुण कुमार सिंह दो दिनों से गुमला में कैंप कर रहे हैं. वे लगातार मुठभेड़ पर नजर रखे हुए थे. शनिवार को भी वे गुमला में रुक कर नक्सल गतिविधि के बारे में जानकारी ले रहे थे. डीजीपी डीके पांडेय ने हेलीकॉप्टर से चैनपुर, बिशुनपुर, घाघरा के जंगली इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किये. वहीं नक्सलियों के छिपे ठिकाने का पता करने का प्रयास किया गया. सूचना मिली कि शुक्रवार की रात को दोबारा माओवादियों के साथ मुठभेड़ करने के लिए पुलिस आगे बढ़ रही थी. लेकिन नक्सलियों के ठिकाना बदलने के कारण पुलिस आगे नहीं बढ़ी. डीजीपी ने जवानों का हौसला बढ़ाया.
नक्सली सबजोनल कमांडर दीपक मारा गया
कई नक्सली घायल हुए हैं : एसडीपीओ
गुमला : सरगांव जंगल में मुठभेड़ में मारे गये नक्सली की शिनाख्त नहीं हुई है. उसकी पहचान लातेहार जिला के दीपक सिंह के रूप में किया गया है. वह भाकपा माओवादी का सबजोनल कमांडर था और अरविंद सिंह की सुरक्षा के दौरान अपने दस्ते को लेकर चलता था. हालांकि पुलिस ने उसके शव को पहचान के लिए गुमला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा है.
वहीं एसडीपीओ मोहम्मद अरशी ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर नक्सली के पास से बरामद हथियार व अन्य सामानों को मीडिया के सामने प्रस्तुत किये. उन्होंने मुठभेड़ के संबंध में बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सिविल, सरगांव व जैरागी गांव के इलाके में माओवादियों का दस्ता जमा हुआ है.
इसके बाद ऑपरेशन नेपच्युन पंद्रह के तहत वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस टीम आगे बढ़ी. झारखंड जगुवार का नेतृत्व स्वयं एसडीपीओ कर रहे थे. सरगांव जंगल के पास पहुंचते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. एसडीपीओ ने बताया कि जो नक्सली मारा गया है, वह सबसे पहले फायरिंग किया था. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो पहले उसे गोली लगी और वह मारा गया. एसडीपीओ ने कहा कि अभी भी अभियान जारी है. बहुत जल्द ओर सफलता मिलेगी.
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