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प्रभात खबर की 30 वर्ष की यात्रा पर पुस्तक ”प्रयोग की कहानी” व कॉफी टेबल बुक ”झारखंड गौरव सम्मान” का विमोचन
रांची : प्रभात खबर के 30 साल के पत्रकारीय संघर्ष की कहानी को बयां करती किताब प्रयोग की कहानी का आज राजधानी के आर्यभट्ट सभागार में विमोचन किया गया. इस पुस्तक को प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने लिखा है. श्री सिन्हा 30 सालों के इस संघर्ष के प्रत्यक्ष गवाह व साथी […]
रांची : प्रभात खबर के 30 साल के पत्रकारीय संघर्ष की कहानी को बयां करती किताब प्रयोग की कहानी का आज राजधानी के आर्यभट्ट सभागार में विमोचन किया गया. इस पुस्तक को प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने लिखा है. श्री सिन्हा 30 सालों के इस संघर्ष के प्रत्यक्ष गवाह व साथी रहे हैं. इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है. इस दौरान प्रभात खबार द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक झारखंड गौरव सम्मान का भी विमोचन किया गया. पुस्तक व कॉफी टेबल बुक का विमोचन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चीफ एडिटोरियल कंटेंट ऑफिसर निकोलस डावेस, शिलौंग स्थित राजीव गांधी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के पहले निदेशक प्रो अशोक कुमार दत्ता, बीआइटी मेसरा के कुलपति मनोज कुमार सिन्हा, प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश व प्रबंधन निदेशक केके गोयनका ने संयुक्त रूप से किया.
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम का संचालन प्रभात खबर के संपादक (सेंट्रल डेस्क) विनय भूषण ने व धन्यवाद ज्ञापन स्थानीय संपादक विजय पाठक ने किया. प्रभात खबर के बिजनेस हेड विजय बहादुर ने पुस्तक व कॉफी टेबल बुक के प्रकाशन की पृष्ठभूमि से लोगों को अवगत कराया, जबकि प्रभात खबर के एमडी ने विस्तार से प्रभात खबर की विकास यात्रा के बारे में बताया. विजय बहादुर ने कहा कि 14 अगस्त 2014 को प्रभात खबर ने 30 साल पूरे कर लिये जो हमारे लिए विशिष्ट स्थान रखता है, इस मौके पर हमने झारखंड गौरव सम्मान कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया है. प्रभात प्रकाशन के डॉ पीयूष ने पुस्तक के बारे में व झारखंड के लिए खुद के प्रकाशन द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में लोगों को अवगत कराया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रभात खबर के पुराने साथी भी पहुंचे थे.
आपकी सोच के अनुरूप करूंगा राज्य का विकास : रघुवर दास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं अनुजकुमारसिन्हा को धन्यवाद देना चाहता हूं कि 30 साल 30 साल के प्रभात खबर के सफर में जो उतार चढ़ाव हुए उसे उसका संकलन उन्होंने यहां प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि हताश-निराश होने वाले सफल नहीं होते हैं. प्रभात खबर जिसका नेतृत्व हरिवंश जी कर रहे हैं और अनुज जी व विजय पाठक जैसे लोग जिनके सहयोगी हैं, उनके डेडिकेशन से यह सफर तय हुआ. सीएम ने कहा कि प्रभात खबर की टीम में आत्मविश्वास रहा. स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत छोटी होती है, उसके बाद वह बड़ा होता जाता है. प्रभात खबर ने इसको अमल किया. उन्होंने कहा कि हम कह सकते हैं कि प्रभात खबर के इस सफर में जीवन मूल्य का दर्शन भी है. उन्होंने प्रभात खबर की पूरी टीम को अखबार की विकास यात्रा के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर एक आंदोलन है, जो बदलाव चाहता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अनुज जी को जमेशपुर में देखा है, वहां मैंने प्रभातखबरव इसके लोगों के संघर्ष को देखा है.
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की ड्यूटी होती है, लोगों को जागरूक करने की. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर का एक वैचारिक चिंतक के रूप में योगदान है. उन्होंने प्रभात खबर व मीडिया का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले पांच सालों में हम झारखंड को आपकी सोच के अनुरूप बनायेंगे. राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त करेंगे और बड़ी हस्ती पर भी ऐसे मामले में एक्शन लेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम झारखंड को पांच सालों में पॉवर हब बनायेंगे. उन्होंने कहा कि एसबीआइ की अध्यक्ष और एनटीपीसी के प्रमुख के साथ हमारी आज मीटिंग हैं, जिसमें हम 25 हजार करोड़ निवेश पर बात करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, सेवा क्षेत्र, इंडस्ट्री हर क्षेत्र में हम उल्लेखनीय काम करेंगे. उन्होंने राज्य की विकास यात्रा में आमलोगों से भी सहयोग मांगा.
प्रभात खबर की कहानी हमारे लिए महत्वपूर्ण : निकोलस डावेस
हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चीफ एडिटोरियल कंटेंट ऑफिसर निकोलस डावेस ने कहा कि प्रभात खबर की सफलता ग्रासरूट पत्रकारिता करते हुए सफल बिजनेस माड्यूल डेवलप करने का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि मेरी हरिवंश जी से दिल्ली में चर्चा हुई थी और आज मैं यहां आकर बेहद प्रसन्न हूं. मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका का रहने वाले निकोलस ने अतिथियों का अभिवादन व धन्यवाद ज्ञापन हिंदी में किया, लेकिन उन्होंने अपनी खराब हिंदी का हवाला देते हुए व्याख्यान अंगरेजी में दिया. उन्होंने कहा कि मैं दक्षिण अफ्रीका से हूं, जो महान संघर्षो का देश है और जिसने नस्लवाद के खिलाफ व लोकतंत्र के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि अंगरेजी नेशनल न्यूज पेपर में झारखंड के कोल ब्लॉक्स, ट्रैफिकिंग कर यहां से दिल्ली व महानगरों में ले जायी गयी महिलाएं व लड़कियों के घर की रसोई में काम करने जैसे विषयों पर चर्चा होती है. पर, यहां क्या हो रहा है, इसे न जान पाना हमारी विफलता है. उन्होंने कहा कि स्थानीय पत्रकारिता, हिंदी पत्रकारिता अलग होती है. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर की कहानी हमारे लिए इस मायने में अहम है.
डावेस ने कहा कि आने वाले समय में मीडिया का अधिक से अधिकडिजिटलाइजेशनहोगा. नेशनल मीडिया व बड़े संस्थानों में यह हो रहा है. ट्रेडिशनल व स्थानीय मीडिया में भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि ब्लॉग, वेबसाइट अच्छे कंटेंटे तैयार करते हैं और उस तक लोग पहुंचते हैं और उस पर अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है. उन्होंने कहा कि भारत में यह सब अभी शुरुआती दौर में है. उन्होंने कहा कि 4 जी तकनीक का मीडिया पर बड़ा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि न्यू डिजिटल स्पेस का तेजी से विस्तार हो रहा है.
प्रभात खबर की सफलता के तीन अहम कारण हैं : प्रो अशोक दत्ता
आइआइएम, शिलौंग के पूर्व निदेशक प्रो अशोक दत्ता ने इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए हरिवंश जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा प्रभात खबर की 30 साल की यह यात्रा इस संस्थान के लिए महत्वपूर्ण लेंड मार्क है. उन्होंने कहा कि इस इलाके में राजस्व संग्रह करते हुए अखबार निकालना असंभव था, जिसे प्रभात खबर ने संभव कर दिखाया. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर की सफलता के तीन अहम कारण हैं. पहला लीडरशिप, जिसके तहत प्रधान संपादक और उनकी टीम ने अलग ढंग से काम किया. दूसरा इसके लीडरशिप का नैतिक मूल्य यानी इस अखबार ने अपने लिए बड़ा नैतिक आधार तैयार किया जो इसकी सफलता का आधार बना. और, तीसरा टीम डेवलप करना, इस अखबार ने अनुज सिन्हा जैसे पैशन वाले लोगों के साथ अपनी टीम डेवलप की. उन्होंने प्रयोग की कहानी पुस्तक का अंगरेजी में अनुवाद कराने की सलाह दी, ताकि प्रबंधन के छात्र इसका अध्ययन करें और सीखें. उन्होंने अगले 30 साल के लिए सफलता का संदेश भी दिया.
कार्यक्रम में शामिल होकर गर्व हो रहा है : मनोज कुमारमिश्र
बीआइटी, मेसरा के कुलपति मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि प्रयोग की कहानी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होकर मुङो गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने प्रभात खबर द्वारा अपन संस्थान को झारखंड गौरव सम्मान देने के लिए भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा प्रभात खबर के नेतृत्व में स्वच्छ गुणों का विकास हो. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान झारखंड के लिए अपने संस्थान द्वारा किये जाने वाले प्रयासों का भी उल्लेख किया.
बीमारू प्रदेश से नयी पहल की कहानी है यह किताब : हरिवंश
प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने कहा कि यह पुस्तक 30 वर्षो में 25 वर्षो के प्रयोग की कहानी है. यह किताब ऐसे अखबार की कहानी है, जिसने विपरीत परिस्थिति में कदम आगे रखा, जिसके बारे में महसूस किया जाता था कि कल उसका भविष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बीमारू प्रदेश से भी कोई नयी पहल कैसे हो सकती है, इसकी कहानी है. उन्होंने कवि मुक्तिबोध की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि एक पांच रखता हूं, हजार राहें दिखाई देती हैं. उन्होंने कहा कि अदृश्य शक्ति हमें हमेशा प्रेरणा देती रही.
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने प्रो अशोक दत्ता के मार्गदर्शन में एक रिपोर्ट तैयार की और प्रबंधन को दिया और कहा कि हम एक कोशिश कर देखेंगे. हमने अपने सामान्य अनुभव से सीखा कि जितनी चादर हो उतना ही पांव पसारना है, दूसरा अच्छी पत्रकारिता करनी है. हमने अपनी गलतियों से सीखा. हमने जब अपने 30 साल पूरे किये तो हमने तलाशा कि अशोक दत्ता जी कहां हैं. हमने पत्रकारीय आचार संहिता बनायी और उसका अनुकरण किया. उन्होंने डॉ लोहिया को उद्धृत करते हुए कहा कि हमने काम किया और तुरंत रिजल्ट की प्रतीक्षा नहीं की. हमने गवर्नेस पर रिपोर्ट निकाली. 15 नवंबर को ऑडिट अंक निकालना शुरू किया. उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनकी मेज से मिली अमेरिकी कवि रॉबर्ट फ्रॉस्ट की कविता की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा एक इनसान बहुत सुंदर दृश्यों से गुजरता है, वहीं ठहर जाना चाहता है, उसे ठहरने की इच्छा होती है, लेकिन खुद से प्रेरणा लेता है कि हमें तो अभी मीलों चलना है. उन्होंने कहा कि एक रास्ता सीधा होता है, दूसरा उबाड़-खाबड़ होता है, हम उसी रास्ते दूसरे रास्ते पर चले.
जनोन्मुखी पत्रकारिता से बदली तसवीर : केके गोयनका
प्रभात खबर प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक केके गोयनका ने कहा कि आज का दिन हमारे के लिए बड़ा दिन है. यह प्रभात खबर के लिए खुशी और गौरव का दिन है. यह पुस्तक हमारी लंबी यात्रा की कहानी है. उन्होंने कहा कि इस रोमांचक यात्र को अनुज जी ने शब्द देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि वे 1984 से अखबार से जुड़े रहे हैं. उनके अलावा इस किताब के लेखन का कार्य कोई दूसरा नहीं कर सकता था. उन्होंने कहा कि कई बार हमें लगा कि यह अखबार अब नहीं चलेगा, कई बार बिकते-बिकते रह गया. लेकिन हरिवंश जी ने पत्रकारिता की नयी परंपरा शुरू की. जनोन्मुखी पत्रकारिता हमारे अखबार ने की और हमारी पाठक संख्या शून्य से 90 लाख हो गयी और सरकुलेशन 500 से साढ़े आठ लाख हो गया.
उन्होंने कई बार लगा कि यह अखबार अब बंद हो जायेगा. कई बार बिकते-बिकते रह गया, लेकिन ईश्वरवीय शक्ति ने हमारी मदद की. आज हमारा अखबार दस शहरों से छपता है और इसके बिहार में चार, झारखंड में चार व पश्चिम बंगाल में दो संस्करण हैं. उन्होंने बताया कि 1989 में हमारा टर्न ओवर 10 लाख रुपये था और आज 200 करोड़ रुपये है. हम देश के तीन स्थापित बड़े अखबारों से मुकाबला करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं. जब मीडिया इंडस्ट्री के दिग्गजों ने इस अखबार को नकार दिया, तब उसे चुनौती देते हुए हम यहां तक पहुंचे हैं. केके गोयनका ने कहा कि मैं नवंबर 1989 में अखबार से जुड़ा और लगभग उसी समय हरिवंश जी और आरके दत्ता जी अखबार से जुड़े. उन्होंने कहा हमारी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय हमारे पाठकों को जाता है. उसके बाद हमारी अलग कार्य संस्कृति और परिवार की तरह अखबार निकालना व तीसरा हमारी टीम हमारी सफलता का बड़ा कारण है. उन्होंने उन अनुभवों को याद किया कि कैसे रांची एक्सप्रेस से उधार कागज लेकर अखबार छापते थे. उन्होंने कहा कि हमारे यहां एडिटोरियल और नॉन एडिटोरियल टीम में बेहतर तालमेल रहा. उन्होंने कहा कि हमने अखबार की अंतरात्मा से कभी कोई समझौता नहीं किया. केके गोयनका ने काम करने की आजादी देने के लिए मैनेजमेंट के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने अखबार की सफलता के पीछे शीर्ष नेतृत्व प्रधान संपादक हरिवंश जी, कार्यकारी निदेशक आरके दत्ता जी व खुद के बीच के शानदार तालमेल व समझ को श्रेय दिया.
पुस्तक उन्हें समर्पित जिन्होंने लगातार काम किया : अनुज कुमार सिन्हा
प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि यह पुस्तक उन्हें समर्पित है, जिन्होंने हमारे अखबार के लिए लगातार काम किया. उन्होंने कहा कि आपका सबकुछ खत्म हो जाये तब भी निराश नहीं होना चाहिए. इस किताब के दो हिस्से हैं. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने तय किया था कि किसी हाल में अखबार नहीं बंद करना है. हमारी टीम ने 18-18 घंटे काम किया. संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हम खुद अपने कंधे पर मशीन उठा लेते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर में हमारे संघर्ष के गवाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे अखबार की सफलता की कहानी समाज को जोड़ने की कहानी है कि किस तरह हमने पलामू के सूखे सहित कई मौकों पर काम किया.
उन्होंने कहा कि हमने तूफान-सूखा पड़ने पर भी अपनी जिम्मेवारी निभायी. हमारे प्रधान संपादक अखबार का फ्रेम बना कर देते थे. हमने भारत किधर नाम से व्याख्यानमाला आयोजित किया. हमने संस्कृति के लिए बहुत काम किया. हर चुनौती में काम किया. अनुज कुमार सिन्हा ने कहा हमने चुनाव में लोगों को जागरूक किया, जहां प्रत्याशी नहीं जाते थे, वहां भी गये. उन्होंने कहा कि हमने आकलन किया तो यह आंकड़ा सामने आया कि पिछले कुछ सालों में हमने 200 करोड़ रुपये हॉकरों को कमीशन में दिया, यानी हमलोगों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दिया. हमने लोगों को जीवन स्तर ऊपर उठाया. उन्होंने कहा कि जमशेदुपर से रांची आने के दौरान हरिवंश जी और केके गोयनका जी से चर्चा के दौरान इस किताब को लिखने का विचार सामने आया और दोनों शख्स ने मुङो प्रेरित किया. उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि इसी दौरान मेरी आंख भी खराब हुई, लेकिन आप सबने उत्साह बढ़ाया और यह पुस्तक आकार ले सकी. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर, पटना व अन्य जगह से पुराने साथियों व लोगों का कार्यक्रम में आना बताता है कि उनके मन में इस अखबार के प्रति कितना सम्मान है.
30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कॉफी टेबल बुक का किया प्रकाशन : विजय बहादुर
प्रभात खबर के बिजनेस हेड विजय बहादुर ने कहा कि 14 अगस्त 2014 को प्रभात खबर ने 30 साल पूरे कर लिये जो हमारे लिए विशिष्ट स्थान रखता है. उन्होंने कहा कि किसी संस्थान के लिए यह महत्वपूर्ण लैंडमार्क होता है. इस मौके पर हमने झारखंड के विभिन्न क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया था और उसी उपलक्ष्य में झारखंड गौरव सम्मान नाम से कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया है. उन्होंने कहा कि इससे हमें अपने अतीत को जानने का मौका मिलता है. यह हमें प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि हमने हर कार्य पारदर्शी ढंग से किया है और आने वाले दिनों में और बेहतर करने की कोशिश करेंगे.
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