रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद करमटोली बस्ती में स्वच्छता अभियान चलाया. उन्होंने खुद अपने हाथों में झाड़ू थाम कर गलियों की सफाई की. करमटोली बस्ती के लोग अचानक मुख्यमंत्री को अपने बीच देख कर चकित हो गये. सीएम के साथ रांची की मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, भाजपा नेता संजय सेठ व संजय जायसवाल ने भी झाड़ू लेकर स्वच्छता अभियान में सहयोग किया.
सीएम करीब 15 मिनट तक झाड़ू लगाते रहे. उन्होंने पूरी बस्ती का दौरा भी किया. लोगों से कहा कि आपलोग घर के बाहर भी साफ-सफाई रखें. नालियों को स्वच्छ रखें. उन्होंने आदिवासी वृद्ध महिलाओं व पुरुषों का हालचाल पूछा. उन्होंने कहा कि किसी भी गरीब को कष्ट नहीं होंने दिया जायेगा. बस्ती में गंदगी देख कर सीएम ने मेयर समेत नगर निगम के अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी जतायी. अभियान के दौरान ही एक स्थानीय महिला तुरंत घर से मिठाई लेकर आयी और सीएम को अपने हाथों से खिलायी. उन्होंने उक्त महिला से पूछा कि यहां सफाई कर्मचारी आते हैं या नहीं. महिला ने कहा कि कभी-कभी आते हैं. इस पर सीएम ने मेयर से कहा कि यहां नियमित रूप से सफाई कर्मचारी आयें, यह निगर निगम सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में स्वच्छता अभियान चला रखा है. वह इससे जुड़कर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. वह पूरे झारखंड में स्वच्छता अभियान चलायेंगे. वह स्वच्छ झारखंड बनाने का संकल्प लेते हैं. जल्द ही साफ-सुथरा और हरा-भरा झारखंड देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि वह रघुवर दास हैं. एक दास की तरह जनता की सेवा करते रहेंगे. केंद्र में भी नरेंद्र मोदी की सरकार है और यहां दास की सरकार. दोनों सरकारें मिलकर राज्य के गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम करेंगी.
हर जगह थी अव्यवस्था
रांची: शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में भारी अव्यवस्था थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समारोह में नहीं आने की खबर मिलने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस बलों ने मोरचा छोड़ दिया. वीआइपी गेट खुला छोड़ दिया गया. वहीं, आम लोगों के प्रवेश के लिए लोगों को लंबी कतार लगा कर अंदर भेजा जाने लगा. इस वजह से वीआइपी गेट पर भारी भीड़ जमा हो गयी थी. अफरा-तफरी की स्थिति हो गयी. इस कारण कई वीआइपी को परेशानी का सामना करना पड़ा. आम लोगों के लिये बने प्रवेश द्वार पर एक-एक कर लोगों को प्रवेश कराया जा रहा था. स्टेडियम में नहीं प्रवेश करने पर कई लोगों ने नाराजगी भी जतायी. समारोह के बाद निकास द्वारों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहन प्रेमवती देवी समेत कई लोगों को चोट लग गयी. प्रेमवती देवी को ईलाज के लिए सेवा सदन ले जाया गया. वहां एक्स-रे के बाद पता चला कि उनकी कलाई टूट गयी है. अन्य कई लोगों को भी हल्की चोट आयी.
आइएएस अफसरों को नहीं मिली सीट : समारोह के दौरान कई आइएएस अफसरों को सीट नहीं मिली. कई आइएएस अफसर आम लोगों की गैलरी में जा कर समारोह का हिस्सा बने, तो कई अफसर गेट पर भीड़ देख कर ही वापस लौट गये. सहकारिता सचिव अरुण सिंह भीड़ के कारण समारोह स्थल पर जा नहीं सके. उद्योग सचिव हिमानी पांडेय सीट नहीं मिलने की वजह से वापस लौट गयीं. स्थानिक आयुक्त डीके तिवारी और आइपीएस कमल नयन चौबे को काफी देर तक खड़े रहना पड़ा. समारोह के बाद बाहर निकलने के लिए भी सबको कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
मीडिया गैलरी में बैठे बाबूलाल : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को मीडिया गैलरी में बैठ कर कार्यक्रम देखना पड़ा. श्री मरांडी को किस गेट से अंदर जाना है, यह बतानेवाला कोई नहीं था. झाविमो विधायक प्रदीप यादव और आलोक चौरसिया के साथ श्री मरांडी समारोह स्थल में बनाये गये मीडिया गैलरी में पहुंच गये. मीडिया गैलरी में भी पत्रकारों के अलावा बड़ी संख्या में लोग घुसे हुए थे. मीडिया के लोगों ने श्री मरांडी और विधायकों के बैठने के लिए सीट छोड़ी. काफी देर बाद भाजपा का एक कार्यकर्ता श्री मरांडी को स्टेज पर बुलाने के लिए भेजा गया. हालांकि श्री मरांडी ने जाने से इनकार करते हुए मीडिया गैलरी से ही कार्यक्रम देखा.
कतार में खड़े रहने के बाद भी नहीं देख सके समारोह : शपथ ग्रहण समारोह में आम लोगों का प्रवेश सबसे ज्यादा मुश्किल था. कई लोगों को काफी देर तक कतार में खड़े रहने के बाद भी समारोह का हिस्सा बनना नसीब नहीं हो सका. आम लोगों के प्रवेश के लिए पुलिस के जवानों ने कतार लगा कर अंदर जाने का आदेश जारी कर दिया. इससे कतार लंबी हो गयी. लोगों को काफी धीमी रफ्तार से प्रवेश दिया जा रहा था. इस वजह से पीछे खड़े लोगों का नंबर आते-आते समारोह समाप्त हो चुका था.