कोयला खदान (राष्ट्रीय) संशोधन व लोक वित्त पोषित बौद्धिक संपदा संरक्षण और उपयोग विधेयक रास से वापसनयी दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को सरकार ने कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक सहित दो विधेयकों को वापस ले लिया. कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2000 वापस लेने के लिए सदन से अनुमति मांगी जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी. इसी दौरान माकपा नेता तपन कुमार सेन ने कहा कि वह इस विधेयक को वापस लेने का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस विधेयक की जगह सरकार जो विधेयक लानेवाली है वह उसके पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जो विधेयक लाने जा रही है उसके जरिये कोयला क्षेत्र के निजीकरण के लिए उपाय किये जायेंगे. इससे पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने सदन की अनुमति से लोक वित्त पोषित बौद्धिक संपदा संरक्षण और उपयोग विधेयक 2008 को वापस लिया.नया कोल लिंकेज देने का प्रस्ताव नहीइससे पहले सरकार ने निजी कोयला कंपनियों को नयी और आगामी परियोजनाओं के लिए फिलहाल नया कोयला लिंकेज प्रदान करने के किसी प्रस्ताव से इनकार करते हुए कहा कि निजी कंपनियों को रियायती मूल्य देने का सवाल ही नहीं उठता. विद्युत राज्य मंत्री ने कहा, उन विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति की जा रही है जिनके पास कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा अधिसूचित मूल्य पर ईंधन आपूर्ति करार के अनुसार विद्युत वितरण कंपनियों और मनोनीत एजेंसियों के साथ कोयला लिंकेज तथा दीर्घकालिक विद्युत खरीद करार हैं.
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सरकार ने दो विधेयक वापस लिये
कोयला खदान (राष्ट्रीय) संशोधन व लोक वित्त पोषित बौद्धिक संपदा संरक्षण और उपयोग विधेयक रास से वापसनयी दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को सरकार ने कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक सहित दो विधेयकों को वापस ले लिया. कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कोयला खदान (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2000 वापस लेने के लिए सदन से अनुमति […]
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