नयी दिल्ली. सरकार के अधिक से अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के बीच अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने कारोबारी विवादों से निबटने संबंधी मध्यस्थता कानून को समाप्त करने का सुझाव दिया है. रोहतगी ने सुझाव दिया कि इसकी जगह मौजूदा वैश्विक व्यवहार के अनुरूप नया कानून लाया जाये. अटार्नी जनरल ने सुझाव दिया है कि मौजूदा मध्यस्थता कानून निवेश को बाधित करनेवाला साबित हो सकता है, क्योंकि कारोबारी समुदाय विशेषकर विदेशी इकाइयां इसे अनुकूल नजरों से नहीं देखती. सूत्रों के अनुसार, रोहतगी ने मध्यस्थता प्रक्रिया में बहुत अधिक समय लगने तथा ऊंची लागत को कुछ प्रमुख बाधाओं के रूप में रेखांकित किया है. रोहतगी ने 1996 के इस कानून को समाप्त करने का सुझाव दिया है. कहा कि नये कानून से कारोबारी विवादों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित होना चाहिए. इसके अलावा मध्यस्थों द्वारा विवाद निपटान में अनावश्यक देरी पर जुर्माना भी होना चाहिए. मध्यस्थता व सुलह सफाई कानून 1996 में संशोधन की इच्छा रखनेवाले विधि मंत्रालय ने अटार्नी जनरल से सुझाव मांगे थे. रोहतगी ने कहा है कि संशोधन के बजाय यह कानून समाप्त ही कर दिया जाना चाहिए और इसकी जगह एक नया कानून लाया जाये, जोकि वैश्विक व्यवहार के अनुरूप हो.
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मध्यस्थता से जुड़ा कानून समाप्त करें, नया कानून बनायें : अटार्नी जनरल
नयी दिल्ली. सरकार के अधिक से अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के बीच अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने कारोबारी विवादों से निबटने संबंधी मध्यस्थता कानून को समाप्त करने का सुझाव दिया है. रोहतगी ने सुझाव दिया कि इसकी जगह मौजूदा वैश्विक व्यवहार के अनुरूप नया कानून लाया जाये. अटार्नी जनरल ने सुझाव […]
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