रांची: बिरसा मुंडा डीएवी आवासीय विद्यालय, बुंडू में जनजातीय बच्चे पढ़ते हैं. पहली से दसवीं कक्षा तक के इस स्कूल में अभी 325 बच्चे अध्ययनरत हैं. कल्याण विभाग के इस स्कूल के संचालन की जिम्मेवारी डीएवी प्रबंधन को दी गयी है.
पर सरकार दो वर्ष से स्कूल संचालन का पूरा खर्च नहीं दे रही है. शिक्षकों के वेतन व बच्चों के रहने-खाने सहित अन्य सालाना खर्च लगभग सवा करोड़ रुपये हैं. लेकिन वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्कूल को सिर्फ 68 लाख मिले. वहीं चालू वित्तीय वर्ष में भी अब तक लगभग 62 लाख रुपये ही मिले हैं.
इस तरह स्कूल प्रबंधन को करीब 1.20 करोड़ रुपये कम मिले हैं. पैसे की कमी से बच्चों को खाने में दी जानेवाली दाल पतली हो गयी है व सब्जी में भी पानी रहता है. उधर, खिड़कियों के खुले रहने से बच्चे सर्वाधिक कष्ट में हैं. तीन मंजिले इस स्कूल की कई खिड़कियों में शीशे नहीं हैं. स्कूल प्रबंधन ने भी इसे इसी हाल में छोड़ दिया है. रात को बच्चे सोते हुए कांपते हैं. उनके पास सरकार से मिले पतले कंबल भर हैं. खुली खिड़कियों की वजह से ठंड में छात्रों को परेशानी हो रही है. दरअसल अभी यह विद्यालय पीपीके कॉलेज, बुंडू के छात्रवास में चल रहा है. जामटोला व गुटुहातु के बीच 6.92 करोड़ की लागत से विद्यालय का नया भवन बन रहा है, पर इसकी रफ्तार धीमी है.