गोड्डा : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज यहां जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) की 1,320 मेगावाट की परियोजना की आधारशिला रखी. कंपनी यह बिजलीघर अपने संयंत्र के इस्तेमाल के लिए लगा रही है और इस पर 8,500 करोड़ रूपये का खर्च होने का अनुमान है. यह बिजली परियोजना जेएसपीएल की झारखंड में 75,000 करोड़ रूपये के निवेश की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं का लाभ स्थानीय लोगों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. मुखर्जी ने कहा, ‘‘कृषि हो या उद्योग सभी के लिए बिजली की जरुरत है. मैं इस बात से सहमत हूं कि एक स्थान पर उत्पादित बिजली अन्य स्थानों को भेजी जाती है. ऐसे में हमें यह देखने की जरुरत है कि बिजली संयंत्र के आसपास के गांवों और जहां कोयले का उत्पादन हो रहा है, को भी बिजली मिले.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि शहरों में बिजली की कमी 6 प्रतिशत है. वहीं गांवों में यह कहीं अधिक यानी 33 फीसद है. जेएसपीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नवीन जिंदल ने संवाददाताओं से कहा कि परियोजना के लिए सभी सांविधिक मंजूरियां मसलन पर्यावरण एवं वन आदि हासिल की जा चुकी हैं. कंपनी ने जरुरत की 50 से 60 फीसद जमीन अधिग्रहीत कर ली है.
जिंदल ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनी ने करीब 1,200 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए स्थानीय लोगों की सहमति हासिल कर ली है. जिंदल ने कहा, ‘‘हमें ग्रामीणों से 100 प्रतिशत सहमति मिल गई है. इस परियोजना को लेकर सभी सकारात्मक हैं.’’कंपनी का इरादा परियोजना का वित्त पोषण रिण से इक्विटी के 70:30 अनुपात में करने का है. इस परियोजना से उत्पादित बिजली का इस्तेमाल जेएसपीएल के पत्रतू के 60 लाख टन क्षमता के इस्पात संयंत्र में इस्तेमाल करने का है. अतिरिक्त बिजली राष्ट्रीय ग्रिड को बेची जाएगी. जिंदल ने कहा, ‘‘करीब 50 से 60 फीसद बिजली हमारे बिजली संयंत्र में इस्तेमाल होगी. शेष राष्ट्रीय ग्रिड को बेची जाएगी.’’ कंपनी अपनी 50 फीसद कोयले की जरुरत यहां से 10 किलोमीटर दूर स्थित जितपुर कोयला ब्लाक से करेगी. जिंदल ने कहा कि कंपनी अब से 6 से 8 माह में कोयला ब्लाक से उत्खनन शुरु करेगी. उन्होंने बताया चरण दो की वन मंजूरी को छोड़कर अन्य मंजूरियां हासिल की जा चुकी हैं.