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वीमेंस कॉलेज युवा महोत्सव का आगाज

युवा महोत्सव में यूथ की राय चुनावी खर्च के औचित्य पर उठाये सवालफोटो कौशिकतीन दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजनचुनावी खर्च का औचित्य-पर वाद-विवादचुनाव में प्रचार प्रसार का विशेष महत्व है. इस पर अरबों रुपये खर्च होते हैं. ऐसे मेें इस खर्च का औचित्य क्या है. इस पर सवाल उठना लाजिमी है. इस संदर्भ में रांची […]

युवा महोत्सव में यूथ की राय चुनावी खर्च के औचित्य पर उठाये सवालफोटो कौशिकतीन दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजनचुनावी खर्च का औचित्य-पर वाद-विवादचुनाव में प्रचार प्रसार का विशेष महत्व है. इस पर अरबों रुपये खर्च होते हैं. ऐसे मेें इस खर्च का औचित्य क्या है. इस पर सवाल उठना लाजिमी है. इस संदर्भ में रांची वीमेंस कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय युवा महोत्सव के पहले दिन हिंदी विभाग द्वारा मंगलवार को वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसके पक्ष व विपक्ष छात्राओं ने जोरदार तरीके से अपने विचार व्यक्त किये.प्रचार से ही चायवाला बना प्रधानमंत्री लक्ष्मी ओझा ने चुनाव में खर्च के औचित्य को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर प्रचार न होता तो एक चायवाला प्रधानमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाता. आम लोगों तक अपनी पैठ बनाने के लिए प्रचार बेहद जरूरी है. नरेंद्र मोदी के पक्ष में प्रचार नहीं होता तो वे अखिल भारतीय स्तर तक लोगों के बीच नहीं पहुंच पाते. प्रचार से ही उनके बारे में लोग जान पाये और उनको अपना नेता चुना. अगर चुनाव में प्रचार नहीं होता तो वे प्रधानमंत्री पद पर नहीं पहुंच पाते. आज वह देश के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. ऐसे में चुनावी खर्च सही है.आम जनता की जेब से होता है खर्चचुनावी खर्च के विरोध में अंजली ने अपना तर्क प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि चुनाव में होने वाला खर्च आम जनता की जेब से ही जाता है. इसका असर उनके परिवार पर पड़ता है. चुनाव में होने वाले खर्च फिजूल हैं. इससे बाजार पर असर पड़ता है. जरूरत की वस्तुएं महंगी हो जाती हैं. इस खर्च को बंद करना चाहिए. इस पर अंकुश लगा कर देश के विकास में इस राशि का खर्च हो सकता है. लालायित अधरों से जिसने हाय नहीं चूमी हालाकविता पाठ प्रतियोगिता में मधुशाला की पंक्तियों का सस्वर पाठ किया गया. छात्राओं ने .. और पिये जा, इसी मंत्र का जाप करें.., मैं शिव की प्रतिमा बन बैंठू, मंदिर हो या मधुशाला, लालायित अधरों से जिसने हाय, नहीं चूमी हाला, हर्ष विकंपित करते जिसने हा न छुआ मधु का प्याला व अन्य पक्तियांे को आकर्षक अंदाज में सुनाया. आशु भाषण प्रतियोगिता में महंगाई, विज्ञापन में नारी का इस्तेमाल, शिक्षा नीति, चुनाव जैसे ज्वलंत मुद्दों पर छात्राओं ने अपना अपना पक्ष रखा. इस अवसर निर्णायक मंडली में डॉ राज राजेश्वरी वर्मा, डॉ मधुलिका वर्मा व डॉ माधवी रजक उपस्थित थीं. मौके पर डॉ श्रद्धा श्रीवास्तव, डॉ मीरा सिंह, डॉ किरण तिवारी, डॉ उर्वशी, डॉ सुनीता यादव, डॉ प्रज्ञा गुप्ता, डॉ सुनीता कुमारी के अलावा अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित थीं. ये रहीं विजेतावाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम लक्ष्मी ओझा और अंजलि कुमारी संयुक्त रूप से रहीं. द्वितीय सपना तिवारी और तृतीय नगमा इरम.कविता पाठ में प्रथम अंजलि, द्वितीय मलका तरन्नुम, तृतीय मीनू झाआशु भाषण में प्रथम अंजलि, द्वितीय मलका तरन्नुम और तृतीय स्थान पर निधि कुमारी रही. आज का कार्यक्रमआज संगीत विभाग में संगीत-नृत्य प्रतियोगिता के अलावा अंगरेजी वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. इसके अलावा काव्य पाठ प्रतियोगिता होगी.

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