हेडिंग :::: मतदान कर ही बदल सकते हैं राज्य के हालात आओ हालात बदलेंप्रभात खबर व अग्रवाल सभा द्वारा आओ मतदान करें पर परिचर्चा का आयोजन वरीय संवाददाता, रांची प्रभात खबर के तत्वावधान में पूरे राज्य में आओ हालत बदलें अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में रविवार को अग्रवाल सभा रांची के सहयोग से अग्रसेन भवन में आओ मतदान करें विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष अशोक नारसरिया ने की. उन्होंने कहा कि मतदान करने से ही राज्य के हालात बदल सकते हंै. लोगों को जागरूक होकर मतदान करने की जरूरत है. प्रभात खबर के प्रबंध निदेशक कमल कुमार गोयनका ने अग्रवाल सभा के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि प्रभात खबर अपनी जिम्मेवारियों को समझते हुए लोगों को जागरूक करने का अभियान चला रहा है. मतदाता जागरूकता रथ राज्य में घूम-घूम कर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर रहा है. उन्होंने स्थायी सरकार के लिए लोगों से मतदान करने की अपील की. वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य के हालात क्या है, यह व्यवसायियों से छुपा हुआ नहीं है और उनसे बेहतर कोई भी नहीं बता सकता है. अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए राज्य में स्थायी सरकार जरूरी है. गुड गवर्नेंस नहीं, विधि-व्यवस्था चौपट है. बेरोजगारी-भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रही है. वैसी परिस्थिति में व्यवसाय कैसे बढ़ेगा. झारखंड मजबूत राज्य कैसे बनेगा. यह सोचने का वक्त आ गया है. घर से निकल कर मतदान करना होगा. अपने भविष्य के निर्माण के लिए हम सभी को घर से बाहर निकलना ही होगा. सभा के मंत्री मनोज बजाज ने कहा कि राज्य को अब तक स्थायी सरकार नहीं मिली है. अकूत खनिज व वन संपदा के रहने के बावजूद झारखंड गरीब राज्यों की श्रेणी में खड़ा है. भ्रष्टाचार, लूट-खसोट, राजनीतिक अस्थिरता से पहचाना जाने लगा है. मतदान लोकतंत्र की ताकत है. लोग अपनी ताकत को पहचान कर मतदान जरूर करंे. उमाशंकर बगडि़या ने कहा कि राज्य के वर्तमान हालात के लए हम सभी जिम्मेवार है. हालात बदलने के लिए हमे अपने घरों से निकल कर मतदान करना होगा. इस दौरान भागचंद पोद्दार, अरुण बुधिया, आनंद मोहन समेत अन्य लोग उपस्थित थे.जज्बा, हिम्मत और कुछ करने की इच्छा हो, तो राज्य का विकास संभव है : मेयररांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य के हालात ठीक नहीं है. पूरे राज्य में संकट है. 14 साल में राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार बनी, लेकिन राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया. राज्य का अंधेरा दूर नहीं हो सका. राज्य का गठन विकास के लिए हुआ था. अंतिम व्यक्ति तक विकास करना था, लेकिन स्थिति ठीक विपरीत है. मन में जज्बा, हिम्मत और कुछ करने की इच्छा हो, तो राज्य का विकास संभव है. नेताओं की कथनी व करनी में कोई समानता नहीं है. विजन नहीं है. योजना भी नहीं है. पर्यटन स्थलों का विकास नहीं हुआ. दूसरे राज्य राजस्व के लिए पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, जबकि हमारे राज्य में इसकी असीम संभावना है, लेकिन 14 साल से वह उपेक्षित है.
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प्रभात खबर की मुहिम से जुड़ा अग्रवाल सभा, चलायेंगे जन जागरण
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