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न्यू यॉर्क से ज्यादा घनी और सुरक्षित है दिल्ली

रिसर्च. दिल्ली में शुरू हुआ ‘शहरी भविष्य का संचालन’ पर सम्मेलनलंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने तैयार की रपटखास बातेंत्रलंदन, बोगोटा, लागोस, तोक्यो, न्यू यॉर्क, इसंतांबुल और बर्लिन से की गयी दिल्ली की तुलनात्रअमेरिका के न्यू यॉर्क और तुर्की के इस्तांबुल से कम है दिल्ली में हिंसात्मक अपराध की दरत्रअपनी वृद्धि को बरकरार रखने के लिए […]

रिसर्च. दिल्ली में शुरू हुआ ‘शहरी भविष्य का संचालन’ पर सम्मेलनलंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने तैयार की रपटखास बातेंत्रलंदन, बोगोटा, लागोस, तोक्यो, न्यू यॉर्क, इसंतांबुल और बर्लिन से की गयी दिल्ली की तुलनात्रअमेरिका के न्यू यॉर्क और तुर्की के इस्तांबुल से कम है दिल्ली में हिंसात्मक अपराध की दरत्रअपनी वृद्धि को बरकरार रखने के लिए हर साल भारत को बसाना होगा एक शिकागो शहर-02% विश्व के कुल भू-भाग पर ही हैं शहर-80% वैश्विक संपत्ति का करते हैं उत्पादनऔसत सघनतादिल्ली19,698 व्यक्ति प्रति किमीन्यू यॉर्क11,531 व्यक्ति प्रति किमीएजेंसियां, नयी दिल्लीनिर्मित क्षेत्र के औसत सघनता के लिहाज से नयी दिल्ली का क्षेत्र न्यू यॉर्क महानगर के विस्तार से दोगुना है. बावजूद इसके भारत की राजधानी में निर्मित क्षेत्रों में गगनचुंबी इमारतें कम हैं. यह बात लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स द्वारा तैयार अनुसंधान रपट में कही गयी है.रपट में कहा गया, ‘दिल्ली के शहरी विकास की आठ अन्य शहरों (लंदन, बोगोटा, लागोस, तोक्यो, न्यू यॉर्क, इस्तांबुल और बर्लिन) से तुलना में इस बात को उजागर किया गया है कि इस शहर में कम गगनचुंबी इमारतों के बावजूद इसके निर्मित क्षेत्र की औसत सघनता बेहद अधिक (19,698 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर) है.’ शुक्रवार को जारी अनुसंधान रपट के मुताबिक, यह विस्तृत न्यू यॉर्क महानगर क्षेत्र (11,531 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी, जिसमें गगनचुंबी इमारतोंवाला मैनहट्टन का इलाका भी शामिल है) के मुकाबले दोगुना है.’ रपट में यह भी कहा गया कि न्यू यॉर्क और इस्तांबुल के मुकाबले दिल्ली में हिंसात्मक अपराध की दर भी कम है. इसका आकलन हत्या के आधार पर किया गया है.यह अनुसंधान शुक्रवार से शुरू हुए दो दिन के ‘शहरी भविष्य का संचालन’ पर आयोजित सम्मेलन की तैयारी में किया गया. इसका आयोजन लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में एलएसइ सिटीज द्वारा किया किया जा रहा है. ड्यूश बैंक की अल्फ्रेड हरहॉसेन सोसाइटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स भी इसमें सहयोग कर रहे हैं.100 स्मार्ट सिटी की पहल बेहद महत्वपूर्णमैकिंजी ग्लोबल इंस्टीच्यूट की रपट का हवाला देते हुए ड्यूश बैंक के सह मुख्य कार्यकारी अंशु जैन ने कहा, ‘भारत को अपनी वृद्धि बरकरार रखने के लिए अगले कुछ दशक तक हर साल एक नये शिकागो के बराबर शहर बनाना होगा. इसीलिए भारत सरकार की 100 स्मार्ट शहर बनाने की पहल बेहद महत्वपूर्ण है.’कोट”आज शहरों का दायरा विश्व के कुल भू-भाग के दो प्रतिशत में फैला है. लेकिन यहां 80 प्रतिशत वैश्विक संपत्ति का उत्पादन होता है. अगले 30 साल में एक तिहाई वैश्विक आर्थिक वृद्धि में शीर्ष 100 शहरों का योगदान होगा.अंशु जैन, सह मुख्य कार्यकारी, ड्यूश बैंक

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