बिजली का उत्पादन, पारेषण व वितरण पर पड़ रहा है प्रतिकूल प्रभावसार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों में कैश एंड कैरी नीति लागूसंवाददाता, रांचीदामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) इन दिनों कोयला की कमी से जूझ रहा है. डीवीसी को सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों की ओर से समुचित मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं होने से उत्पादन, पारेषण और वितरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसका असर राज्य के आठ जिलों पर बुरी तरह से दिखाई दे रहा है. डीवीसी के अधिकारियों का कहना है कि जेयूवीएनएल डीवीसी से झारखंड के आठ जिलों में बिजली की आपूर्ति के लिए 477 एमवीए ठेका मांग के प्रति सात सौ एमवीए तक की बिजली आहरित कर रहा है. सितंबर से मासिक बिल लगभग 167 करोड़ रुपये आ रहा है. जेयूवीएनएल द्वारा डीवी को देय मासिक बिल की राशि का भुगतान नहीं होने के कारण सितंबर तक करीब 8223 करोड़ रुपये का भुगतान हो गया है. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों की कैश एंड कैरी नीति के तहत निधि की कमी के कारण डीवीसी को ईंधन प्राप्त करने में कठिनाइयां हो रही हैं. कोयले की भारी कमी के कारण इसके ताप विद्युत संयंत्र अनिश्चित उत्पादन से जूझ रहे हैं. इस परिस्थिति से बाध्य होकर डीवीसी को झारखंड क्षेत्र में लोड शेडिंग करना पड़ रहा है.
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कोयले की कमी से जूझ रहा है डीवीसी
बिजली का उत्पादन, पारेषण व वितरण पर पड़ रहा है प्रतिकूल प्रभावसार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों में कैश एंड कैरी नीति लागूसंवाददाता, रांचीदामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) इन दिनों कोयला की कमी से जूझ रहा है. डीवीसी को सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों की ओर से समुचित मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं होने से उत्पादन, […]
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