फोटो–अमित सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में धनवंतरी पूजन, गीताश्री उरांव ने संवाददाता, रांचीझारखंड में जड़ी-बूटी का खजाना है. बस प्रचार-प्रसार करने की जरूर है, तभी इसकी प्रमाणिकता एवं उपयोगिता का पता लोगों को चल पायेगा. पूरी दुनिया में आयुर्वेद की प्राचीन विधा को महत्व दिया जा रहा है. यह हमारे देश की प्राचीनतम इलाज की विधा है. उक्त बातें मंगलवार को सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भगवान धनवंतरी पूजन समारोह में शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कही. उन्होंने कहा कि यह आयुर्वेद कॉलेज बेहतर संस्थान है. ऐसे संस्थान के होने से राज्य में आयुर्वेद के शोध एवं खोज में मदद मिलेगी. यह पहला आयुर्वेद कॉलेज है, जहां भगवान धनवंतरी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है. श्री उरांव ने भगवान धनवंतरी की विधिवत पूजा-अर्चना की. आचार्य गोपाल पाठक ने विधि-विधान एवं मंत्रोच्चार से पूजा करायी. कॉलेज के निदेशक डॉ हरिहर प्रसाद पांडेय ने धनवंतरी पूजन एवं आयुर्वेद के प्रादुर्भाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मौके पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ रवींद्र भगत, कर्नल राजेश सिंह एवं कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमिताभ कुमार के अलावा डॉ अवध बिहारी शर्मा, डॉ विश्वंभर पाठक, डॉ आत्मानंद मिश्र, डॉ ब्रजेश उपाध्याय, डॉ संयुक्ता सेनगुप्ता, डॉ बृज बिहारी पांडेय, डॉ रवींद्रनाथ दुबे व महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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झारखंड में जड़ी-बूटी का खजाना
फोटो–अमित सूर्यमुखी दिनेश आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में धनवंतरी पूजन, गीताश्री उरांव ने संवाददाता, रांचीझारखंड में जड़ी-बूटी का खजाना है. बस प्रचार-प्रसार करने की जरूर है, तभी इसकी प्रमाणिकता एवं उपयोगिता का पता लोगों को चल पायेगा. पूरी दुनिया में आयुर्वेद की प्राचीन विधा को महत्व दिया जा रहा है. यह हमारे देश की प्राचीनतम इलाज […]
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