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रेल परियोजना फास्ट होगी : रेल मंत्री

घोषणा. रांची पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा हेडिंग : रेलवे में नियुक्त होंगे 21 हजार जवान – 17 हजार आरपीएफ और चार हजार कांस्टेबुल की नियुक्ति होगी – पैसेंजर की सुरक्षा को लेकर मंत्रालय गंभीर- झारखंड में ट्रेनों के आगे चलेगी फ्लाई ट्रेनें क्या-क्या बोले – झारखंड में भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट […]

घोषणा. रांची पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा हेडिंग : रेलवे में नियुक्त होंगे 21 हजार जवान – 17 हजार आरपीएफ और चार हजार कांस्टेबुल की नियुक्ति होगी – पैसेंजर की सुरक्षा को लेकर मंत्रालय गंभीर- झारखंड में ट्रेनों के आगे चलेगी फ्लाई ट्रेनें क्या-क्या बोले – झारखंड में भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण परियोजनाएं लंबित – रांची से बेंगलुरु और त्रिवेंद्रम के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने पर ध्यान रखा जायेगा – राज्य के लचर विधि व्यवस्था से लोग त्रस्त वरीय संवाददाता रांची : केंद्रीय रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा : रेल मंत्रालय यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है. रेलवे में 21 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति होगी. इसमें 17 हजार आरपीएफ के जवान होंगे. चार हजार महिला कांस्टेबुल होंगी. रेल मंत्री गुरुवार को रांची में भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा : झारखंड में नक्सली घटनाओं को रोकने के लिए ट्रेनों के आगे फ्लाई गार्ड ट्रेनें चलायी जायेंगी. केंद्र 50 फीसदी देने को तैयार केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा : झारखंड की लंबित रेल परियोजनाओं को जल्द पूरा करने को लेकर मुख्यमंत्री सहित रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत हुई है. अधिकतर प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर लंबित है. राज्य सरकार जितनी जल्द इस पर कार्रवाई कर फंड देगी, काम उतनी जल्द शुरू होगा. केंद्र सरकार कुल लागत की 50 फीसदी राशि देने को तैयार है. झारखंड का खास ध्यान उन्होंने कहा : बजट में भी झारखंड को खास ध्यान रखा गया है. पिछले साल के बजट से 20 प्रतिशत अधिक राशि आवंटित की गयी है. रांची से बेंगलुरु और त्रिवेंद्रम के लिए नयी ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए कई लोगों में मांग की है. अगले बजट में इस पर ध्यान रखा जायेगा. झारखंड खनिज संपदाओं से परिपूर्ण हैं. यहां पर रेलवे को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. इसे ध्यान में रख कर योजना बनायी जा रही है. झारखंड में सरकारी मशीनरी फेलकेंद्रीय मंत्री ने कहा : झारखंड में सरकारी मशीनरी फेल हो गयी है. राज्य की लचर विधि व्यवस्था से लोग त्रस्त हैं. कई कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर शिकायत की है. कई मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. राज्य की जनता यूपीए गंठबंधन की सरकार से ऊब चुकी है. पूरी उम्मीद है कि झारखंड में भाजपा की बहुमत की सरकार बनेगी. महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में वहां की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम पर भरोसा दिखाया है. यही स्थिति झारखंड में दोहरायेगी.——————————————————————————————————————-मुख्यमंत्री ने की बैठक, बोले रेल मंत्री हेडिंग : रेलवे परियोजना तेज होगी – परियोजनाएं पूरी करने के लिए रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारी प्रतिनियुक्त होंगे क्या-क्या कहा रेल मंत्री ने – फंड नहीं, नयी योजना नहीं ली जायेगी – पुरानी योजना को ही पूरा किया जायेगा- सीएम ने जो मांगें रखी- छह रेल परियोजनाओं पर काम तेज किया जाये – राज्य में आरओबी का निर्माण हो- जमशेदपुर, दुमका, लोहरदगा व धनबाद में उर्वरक परिवहन की सुविधा मिले- रेलवे ट्रैक के नीचे पानी पाइप लाइन बिछाने की इजाजत मिले- पारादीप बंदरगाह तक रेल लाइन की सुविधा मिले- रांची-राउरकेला रेल मार्ग को उत्क्रमित किया जाये- रांची-नामकुम-कांड्रा-जमशेदपुर तक रेल सुविधा की व्यवस्था हो- चेन्नई के लिए रांची से सीधी रेल सेवा मिले- रांची-दुमका एक्सप्रेस में कंपोजिट बोगी उपलब्ध कराया जाये- राजधानी और गरीब रथ को प्रतिदिन किया जाय- रांची से भी दुरंतो एक्सप्रेस चलाने की जरूरतवरीय संवाददातारांची : केंद्रीय रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि झारखंड की रेल परियोजनाओं पर काम तेज किया जायेगा. अभी नयी परियोजनाएं नहीं ली जायेंगी, फंड कम है. पुरानी परियोजनाओं को पूरा करना पहली प्राथमिकता है. केंद्रीय रेल मंत्री गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ प्रोजेक्ट भवन में बैठक कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से राज्य की रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम करने का आग्रह किया. कहा गया कि रेल परियोजनाओं की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती. बैठक में तय किया गया कि रेलवे और राज्य सरकार के एक-एक अधिकारी इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. इनका काम सिर्फ रेलवे लाइन पूरा करना होगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने रांची से दुरंतो एक्सप्रेस सहित कुछ अन्य योजनाओं पर काम शुरू करने की मांग की. लागत बढ़ गयी, योजना पूरी नहीं हुई बैठक में राज्य सरकार की ओर से प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया. इसमें राज्य में रेल लाइन की स्थिति की जानकारी भी दी गयी. मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा. मुख्यमंत्री ने कहा : झारखंड की छह रेल परियोजनाओं के लिए 2002 में ही समझौता किया गया था. 1997 करोड़ की लागत बढ़ कर 5775 करोड़ रुपये हो गयी है. इसमें 2219 करोड़ राज्य सरकार दे चुकी है. इसके बाद भी योजना पूर्ण नहीं हुई है. रेल मंत्री ने इस बात को गंभीरता से लिया. रेलवे अधिकारियों पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा : जब राज्य ने पैसे दे दिये हैं, तब काम तो जरूर होना चाहिए. उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा : गोड्डा हंसडीहा प्रोजेक्ट के लिए भी 20 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. रेल परियोजनाओं के लिए रेल मंत्रालय की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. इसके बाद एजी ने आपत्ति जतायी है. रेल मंत्री ने तत्काल इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य में 771 रेलवे क्रासिंग हैं. इनमें 378 मानव रहित हैं, जिससे समस्या हो रही है. 120 आरओबी का निर्माण अपूर्ण है. छह आरओबी के लिए 64 करोड़ रुपये दिये गये हैं, पर काम नहीं हुआ. कहा गया कि रेलवे और पथ निर्माण विभाग के बीच समन्वय स्थापित की जाये. आरओबी की गुणवत्ता पर सवालबैठक में पथ निर्माण सचिव राजबाला वर्मा ने कहा : कोंकण रेलवे ने 14 आरओबी बनाये हैं, जिनकी गुणवत्ता बेहतर नहीं है. इनका मेटनेंस नहीं हो रहा है. रेल मंत्री ने इस पर एक माह में रिपोर्ट मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा : रेलवे ट्रैक बनाते समय पहाड़ काट दिये जाते हैं, जबकि सुरंग बना कर काम पूरा किया जा सकता है. इससे जंगली जानवरों का रूट विचलित नहीं होगा. रेल मंत्री ने सारी परियोजनाओं पर विस्तृत बात कर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है. राजस्व के संबंध में रेल मंत्री ने कहा कि अभी कम हो रहा है, क्योंकि आयरन ओर की ढुलाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से बंद है.

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