रांची: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक जी कार्तिकेयन ने कहा है कि एफसीआइ खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए तैयार है. राज्य सरकार चाहे, तो लोगों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सस्ते दरों पर अनाज देने का कार्यक्रम शुरू कर सकती है. उन्होंने कहा कि अभी राज्य को प्रति माह 1.20 लाख टन चावल की जरूरत होती है, जो कानून लागू होने के बाद बढ़ कर 1.50 लाख टन प्रतिमाह हो जायेगी.
समाहरणालय स्थित एफसीआइ कार्यालय के कक्ष में संवाददाताओं से बाद करते हुए उन्होंने कहा कि अनाज रखने के लिए एफसीआइ के पास पहले से 1.26 लाख टन क्षमता के गोदाम थे.
बाद में दो चरणों में कुल 4.75 लाख टन क्षमता के गोदाम निर्माण की सहमति दी गयी. इसके विरुद्ध अब तक 1.90 लाख टन क्षमता का गोदाम पीपीपी मोड पर तैयार हो चुका है. निगम इन गोदामों को अगले 10 सालों के लिए किराये पर लेगा. शेष 2.85 लाख टन का गोदाम तैयार होना है. श्री कार्तिकेयन ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के तहत करीब चार माह का अनाज जमा रखना है.
इस अनुसार निगम को करीब पांच लाख टन क्षमता का गोदाम चाहिए. बताया गया कि गत कुछ माह में निगम ने दुमका, मधुपुर व चांडिल में पहली बार खाद्यान्न से भरा रेलवे रैक पहुंचा. भविष्य में लोहरदगा, हजारीबाग व भुरकुंडा में भी रैक पहुंचेगा. रेलवे लिंक बढ़ने से निगम का संचालन (ट्रांसपोर्टेशन) भार कम होगा.
डालटनगंज व देवघर भी होंगे एफसीआइ जिला
एफसीआइ ने राज्य में अपने कार्यो को सही तरीके से अंजाम देने के लिए तीन एफसीआइ जिला बनाने का निर्णय लिया है. इनमें धनबाद कार्यालय शुरू हो गया है. वहीं डालटनगंज व देवघर कार्यालय शुरू होने को है. रांची से द छोटानागपुर व कोल्हान प्रमंडल के जिले, धनबाद से उत्तरी छोटनागपुर प्रमंडल के जिले, डालटेनगंज से पलामू प्रमंडल तथा देवघर से संताल परगना प्रमंडल के जिलों का कार्य संचालित होगा. इन सबके बीच समन्वयन का कार्य रांची क्षेत्रीय कार्यालय करेगा.