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पुलिस अफसरों पर केस कराने पहुंचे अजीत को धुर्वा पुलिस ने भगाया

रांची: चुटिया निवासी प्रीति की तथाकथित हत्या के मामले में झूठे केस में फंसाने और प्रताडि़त करने को लेकर जेल जा चुका प्रीति का दोस्त अजीत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने रविवार को धुर्वा थाना पहुंचा.हालांकि धुर्वा थाना पुलिस ने पुलिस कर्मियों ने उसका आवेदन लेने से इनकार कर दिया. धुर्वा पुलिस अजीत […]

रांची: चुटिया निवासी प्रीति की तथाकथित हत्या के मामले में झूठे केस में फंसाने और प्रताडि़त करने को लेकर जेल जा चुका प्रीति का दोस्त अजीत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने रविवार को धुर्वा थाना पहुंचा.हालांकि धुर्वा थाना पुलिस ने पुलिस कर्मियों ने उसका आवेदन लेने से इनकार कर दिया. धुर्वा पुलिस अजीत से यह पूछने लगी कि धुर्वा थाने में ही केस कराना जरूरी हैं क्या, वह दूसरे थाना जाइये. इसके बाद पुलिस कर्मियों ने उसे थाने से भगा दिया. तब अजीत ने धुर्वा इंस्पेक्टर को फोन किया. अजीत के अनुसार फोन करने पर इंस्पेक्टर ने कहा कि वह अभी छापेमारी में बाहर निकले हुए हैं, इसलिए अभी थाना नहीं आ सकते हैं. इंस्पेक्टर ने सोमवार को 9.30 बजे आने की बात कह फोन काट दिया. हालांकि पूछे जाने पर इंस्पेक्टर गरीबन पासवान ने कहा कि छापेमारी में होने के कारण उन्होंने अजीत से कहा कि कहा था कि वे आवेदन दें. थाना पहुंचने के बाद केस दर्ज होगा. इस संबंध में अजीत का कहना है उसे झूठे केस में प्रताडि़त करनेवाले चुटिया के पूर्व थानेदार कृष्ण मुरारी, केस के अनुसंधानक, बंडू थाना के तत्कालीन थानेदार, एक डीएसपी और प्रीति के पिता सुरेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराना है. उसे कुछ वैसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज कराना है, जिन्होंने उसके साथ चुटिया थाने में मारपीट की थी. हालांकि वह उन पुलिसकर्मियों को नहीं पहचानता है. उल्लेखनीय है कि बंडू थाने में गत 14 फरवरी को एक अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ था. शव की शिनाख्त चुटिया निवासी सुरेश सिंह से अपनी बेटी प्रीति के रूप में की थी. इस मामले में पुलिस ने प्रीति की हत्या के आरोप में धुर्वा के अजीत और अमरजीत को जेल भेज दिया था. वहीं अभिमन्यु ने न्यायालय में सरेंडर किया था. बाद में प्रीति को जिंदा पाया गया था. बाद में केस सीआइडी को सौंपा गया. सीआइडी ने अनुसंधान में तीनों को निर्दोष पाया. अनुसंधान के दौरान अजीत और अमरजीत ने सीआइडी को बयान दिया था. उन्हें हत्या के झूठे केस में जेल भेजने से पहले पुलिस ने काफी प्रताडि़त किया था. इसके बाद सीआइडी के अफसरों ने निर्दोष युवकों को पुलिस अफसरों पर केस दर्ज कराने को कहा है. ग्रामीण एसपी से भी किया था अनुरोध अजीत ने कहा कि जब उसे और अमरजीत को गिरफ्तार कर नामकुम थाना ले जाया गया, तब ग्रामीण एसपी भी पूछताछ करने पहुंचे थे. अजीत ने कहा कि उसने ग्रामीण एसपी से कहा था कि वह बेकसूर है. इसके बावजूद ग्रामीण एसपी ने उसकी किसी बात को मानने से इनकार कर दिया था. पूछताछ के बाद ग्रामीण एसपी थाना से चले गये थे, जिसके बाद दोनों को जेल भेजा गया था.

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