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75 मॉडल स्कूलों को केंद्र की स्वीकृति

फलैग : केंद्रीय विद्यालय की तरह स्कूल विद्यालय के लिए केंद्र देगा 276 करोड़ शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में खुलेंगे स्कूल वर्ष 2014-15 के बजट में दी स्वीकृति संवाददाता, रांचीझारखंड में 75 नये मॉडल स्कूल खुलेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है. एक स्कूल के लिए 3.69 करोड़ रुपये की राशि […]

फलैग : केंद्रीय विद्यालय की तरह स्कूल विद्यालय के लिए केंद्र देगा 276 करोड़ शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में खुलेंगे स्कूल वर्ष 2014-15 के बजट में दी स्वीकृति संवाददाता, रांचीझारखंड में 75 नये मॉडल स्कूल खुलेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है. एक स्कूल के लिए 3.69 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत हुई है. कुल 276.75 करोड़ रुपये मिलेंगे. झारखंड सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में केंद्र से 114 मॉडल स्कूलों की मांग की थी. 34 स्कूलों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण फिलहाल इसकी स्वीकृति नहीं मिली है. केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि जमीन उपलब्ध होते ही बचे स्कूलों के लिए भी स्वीकृति दी जायेगी. जिन स्कूलों को स्वीकृति दी गयी है, उनके लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है. झारखंड में शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े 203 प्रखंडों में मॉडल स्कूल खोलने की योजना है. इसके तहत पूर्व में 89 स्कूल खोले गये हैं. प्रथम चरण में वर्ष 2010-11 में 40 व 2012-13 में 49 मॉडल स्कूल खोले गये थे. केंद्र सरकार ने अब तक 164 स्कूल खोलने की स्वीकृति दी है. पूर्व में खुले स्कूलों में पठन-पाठन शुरू हो गया है. नये विद्यालयों में भी इस वर्ष से नामांकन प्रक्रिया शुरू की जायेगी. यह प्रस्ताव आरएमएसए के पूर्व नोडल पदाधिकारी रतन कुमार ने तैयार किया था. रांची में सोनाहातू, सिल्ली व ओरमांझी प्रखंड में स्कूल खोला जायेगा.प्रखंड मुख्यालय में खुलेंगे स्कूल मॉडल स्कूल प्रखंड मुख्यालय में खोलने की योजना है. केंद्र प्रायोजित इस योजना में स्कूल को केंद्रीय विद्यालय की तरह सुविधा दी जाती है. विद्यालय में पठन-पाठन में आधुनिक तरीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाता है. देश के सभी प्रखंड मुख्यालय में मॉडल स्कूल खोलने की योजना है. 15 अगस्त 2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की थी. प्रथम चरण में देश भर में 6000 मॉडल स्कूल खोलने की योजना थी. अंगरेजी माध्यम में होती है पढ़ाईविद्यालय में अंगरेजी माध्यम से पढ़ाई होती है. विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. प्रत्येक कक्षा में दो सेक्शन रखने का प्रावधान है. विद्यालय में नामांकन प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है. किताब भी सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जाती है. स्कूलों में पाठ्यक्रम भी अलग-अलग तरीके से बनाया जाना है. जिससे बच्चों में नेतृत्व क्षमता, समूह भावना, कौशल विकास, भागीदारी क्षमता का विकास हो सके. निजी स्कूलों से प्रतियोगिता मॉडल स्कूल की परिकल्पना एक सुविधा संपन्न और आदर्श सरकारी स्कूल की है. जो निजी स्कूलों से न केवल मुकाबला कर सके, बल्कि उससे बेहतर हो. विद्यालय प्रखंड मुख्यालय के आसपास खोलने के पीछे ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभाशाली बच्चों को अपने घर के आसपास अंगरेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा देने का उद्देश्य है. कोट केंद्र सरकार ने 75 नये मॉडल स्कूल खोलने की स्वीकृति दी है. यह खुशी की बात है. विद्यालय खोलने की कार्रवाई जल्द शुरू की जायेगी. पूर्व के मॉडल स्कूल के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है. स्कूल भवन निर्माण का कार्य जल्द पूरा किया जायेगा. गीताश्री उरांव, शिक्षा मंत्री

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