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2017 में राष्ट्रपति ने कई योजनाओं का किया था शिलान्यास, योजनाओं की प्रगति के बारे में पूछेंगे तो अफसरों के पास नहीं होगा जवाब

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रांची आ रहे हैं. वह सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे. 2017 में भी श्री कोविंद रांची आये थे. तब वह 15 नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बन कर आये थे. कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया था. उन योजनाओं में […]

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रांची आ रहे हैं. वह सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे. 2017 में भी श्री कोविंद रांची आये थे. तब वह 15 नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बन कर आये थे. कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया था.
उन योजनाओं में से आज तक एक भी पूरी नहीं की जा सकी है. अपने झारखंड प्रवास के दौरान कहीं राष्ट्रपति को अपनी पिछली यात्रा और किये गये शिलान्यासों की याद आ गयी और उन्होंने उन योजनाओं की कार्यप्रगति के बारे में पूछ लिया, तो अधिकारियों को जवाब देना मुश्किल हो जायेगा.
रांची : वर्ष 2017 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कांटाटोली व हरमू फ्लाइओवर के अलावा एयरपोर्ट से बिरसा चौक, राजभवन से हरमू बाईपास होते हुए बिरसा चौक तक स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. उनमें से उनमें से एक भी प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं किया जा सका है. कांटाटोली फ्लाइओवर का काम शुरू किया गया, लेकिन बीच में ही काम बंद हो गया. हरमू फ्लाइओवर अब तक कागज से बाहर नहीं निकल सका. स्मार्ट सड़क भी नहीं बनायी जा सकी.
उन योजनाओं में से आज तक एक भी पूरी नहीं हुई
हरमू रोड फ्लाइओवर
टेंडर होने के बाद भी हरमू फ्लाइओवर के निर्माण शुरू नहीं किया जा सका. प्रस्तावित हरमू फ्लाईओवर की लंबायी 2.50 किमी थी. 22 जून 2017 को सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया को वर्क ऑर्डर दिया गया था. लेकिन, झारखंड में ब्लैक लिस्टेड होने का प्रमाण मिलने के बाद टेंडर रद्द कर दिया गया.
बाद में सरकार ने पिस्का मोड़ से कचहरी तक एलिवेटेड रोड बनाने का भी फैसला कर लिया. फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड की रोटरी को लेकर दिक्कत हो गयी. हरमू फ्लाईओवर का पुराना डिजाइन रिजेक्ट कर नया डिजाइन तैयार करने का फैसला लिया गया. अब फ्लाईओवर निर्माण की पूरी प्रक्रिया दोबारा से की जा रही है. फ्लाईओवर का डिजाइन एक बार फिर से तैयार कराया गया है.
बन जाता, तो यह होता फायदाः रातू रोड चौक से हरमू बाईपास रोड में प्रत्येक घंटा पांच हजार वाहनों से अधिक का मूवमेंट होता है. फ्लाईओवर तैयार होने से बड़ी आबादी को राहत मिलती. शहर के सबसे अधिक ट्रैफिक जाम प्रभावित इलाके के लोगों को सुविधा होती.
एयरपोर्ट-बिरसा चौक स्मार्ट रोड
एयरपोर्ट से बिरसा चौक तक 2.55 किमी लंबी सड़क को स्मार्ट बनाना था. शिलान्यास के बाद दो सालों में सड़क का निर्माण पूरा कर लेना था. सड़क निर्माण का टेंडर मिनी एक्सल कंपनी ने लिया है. अब तक 40 फीसदी काम भी नहीं किया जा सका है. सड़क के एक ओर की जमीन को लेकर सेना के साथ विवाद हो गया है. इस वजह से काम बंद है.
बन जाता, तो यह होता फायदाः बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से रोजाना दो दर्जन से अधिक फ्लाइटें उड़ान भरती हैं. सैकड़ों लोग रोज हवाई सफर के लिए उस सड़क पर जाते हैं. स्मार्ट रोड बन जाने से राजधानी रांची की छवि में काफी फर्क पड़ सकता है. जो पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की दृष्टि से बढ़िया होगा.
राजभवन-बिरसा चौक स्मार्ट रोड
राजभवन से बिरसा चौक तक 8.85 किमी लंबी स्मार्ट सड़क का निर्माण किया जाना है. इसे नवंबर 2019 तक पूरा किया जाना था. यह काम आर अग्रवाल इंफ्राटेक कंपनी को मिला था. लेकिन, अब तक सड़क स्मार्ट बनाने की दिशा में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं किया जा सका है.
बन जाता, तो यह होता फायदा : इस सड़क के स्मार्ट बनने पर यह चाैड़ी हो जाती. सड़क पर फुटपाथ भी बनता. हरमू रोड शहर की वीइआइपी और व्यस्ततम सड़कों में से एक है. वीइआइपी मूवमेंट के कारण लोगों को होने वाली परेशानी से छुटकारा मिल जाता.

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