-गुड़गांव के अस्पताल में प्राण कुमार शर्मा की कैंसर से मौतनयी दिल्ली. देश भर में ऐसा कोई और कार्टून चरित्र शायद ही हो जो सिर पर चटख लाल पगड़ी, चेहरे पर घनी मूंछों वाले छोटे से कद के चाचा चौधरी से ज्यादा प्रभाव रखता हो. घर-घर में चर्चित चाचा चौधरी, एक ऐसा किरदार था, जो बच्चों और बड़ों सभी में समान रूप से प्रिय था. इस मशहूर किरदार के रचयिता प्राण कुमार शर्मा ने बुधवार को 75 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. प्राण नाम से पहचाने जाने वाला यह रचयिता अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गया है, जिसका कोई सानी नहीं है. कॉमिक्स प्रेमियों का मानना है कि प्राण के जाने से कार्टूनों की दुनिया में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है, जिसका भरना अब मुश्किल है. कैंसर से जूझ रहे प्राण का निधन गुड़गांव के अस्पताल में हुआ.प्राण का जन्म 15 अगस्त 1938 को गैर-विभाजित भारत में लाहौर के पास कासूर में हुआ था. राजनीति विज्ञान में एमए और बंबई के अतिप्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़े प्राण ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1960 में एक कार्टूनिस्ट के तौर पर दिल्ली के अखबार ‘मिलाप’ की कॉमिक पट्टी ‘दब्बू’ से की. वर्ष 1969 में प्राण ने हिंदी पत्रिका ‘लोटपोट’ के लिए चाचा चौधरी का स्केच बनाया, जिसने उन्हें लोकप्रिय बना दिया. वर्ष 1981 में डायमंड कॉमिक्स के गुलशन राय ने प्राण से संपर्क किया और इस तरह उनका एक ऐसा सफर साथ शुरू हुआ जो अगले 35 सालों तक जारी रहा. विशेष आयोजन : पेज….पर
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नहीं रहे चाचा चौधरी के ‘प्राण’
-गुड़गांव के अस्पताल में प्राण कुमार शर्मा की कैंसर से मौतनयी दिल्ली. देश भर में ऐसा कोई और कार्टून चरित्र शायद ही हो जो सिर पर चटख लाल पगड़ी, चेहरे पर घनी मूंछों वाले छोटे से कद के चाचा चौधरी से ज्यादा प्रभाव रखता हो. घर-घर में चर्चित चाचा चौधरी, एक ऐसा किरदार था, जो […]
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