रांची/नयी दिल्ली : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम रोक लग गयी है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी अयोग्यता अभी बरकरार है. उन्हें किसी सूरत में राहत नहीं दी जा सकती. उनकी सजा अभी चल रही है. लिहाजा, वे चुनाव नहीं लड़ सकते. और इस तरह मधु कोड़ा के विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा पर पानी फिर गया.
झारखंड के एकमात्र निर्दलीय मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत देने से साफ इन्कार कर दिया. इसके पहले झारखंड हाइकोर्ट ने हिस्ट्रीशीटर से नेता बने झारखंड के पूर्व मंत्री गोपाल दास पातर उर्फ राजा पीटर और पूर्व नक्सली कुंदन पाहन को एनआइए की विशेष अदालत ने जेल से चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने मधु कोड़ा की याचिका पर भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. साथ ही कहा कि अगले आदेश तक मधु कोड़ा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2017 में कोड़ा को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया था. कोड़ा की अयोग्यता का एक साल और बाकी है. इसलिए सर्वोच्च अदालत ने मधु कोड़ा को चुनाव लड़ने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया.
ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 में चुनावी खर्च के बारे में सही जानकारी नहीं देने पर उन्हें अयोग्य ठहराया था. साथ ही पश्चिम सिंहभूम के पूर्व सांसद और इसी जिला के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने पर तीन साल तक की रोक लगा दी थी. निर्वाचन आयोग ने पाया था कि वर्ष 2009 में मधु कोड़ा ने विधानसभा चुनाव में खर्च की सही-सही जानकारी आयोग को नहीं दी थी. उसी वक्त कोड़ा ने कहा था कि वह आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट जायेंगे. अब कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली.
क्या है मामला…?
मामला वर्ष 2009 के आम चुनाव का है. मधु कोड़ा ने झारखंड की पश्चिम सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता था. निर्वाचन आयोग को शिकायतें मिलीं थीं कि कोड़ा ने चुनाव खर्च का सही ब्योरा नहीं दिया. उन्होंने खर्च की तय सीमा से अधिक रुपये चुनाव के दौरान खर्च किये. इसके बाद कमीशन ने मधु कोड़ा को नोटिस जारी कर पूछा था कि सही ब्योरा नहीं देने पर क्यों न आपको अयोग्य घोषित कर दिया जाये. आयोग के मुताबिक, कोड़ा का खर्च 18 लाख 92 हजार 353 रुपए था, जबकि इन्होंने इसे काफी कम करके बताया था. अपने 49 पेज के ऑर्डर में चुनाव आयाेग ने कहा था कि कोड़ा द्वारा जमा करवाया गया ब्योरा गलत था.
झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री थे कोड़ा
झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री के तौर पर मधु कोड़ा ने वर्ष 2006 में कुर्सी संभाली थी. उस वक्त वह निर्दलीय विधायक थे. 14 सितंबर, 2006 से 27 अगस्त, 2008 तक मुख्यमंत्री रहे. मधु कोड़ा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक इतिहास रच दिया था. वह झारखंड के पहले मुख्यमंत्री थे, जो निर्दलीय चुनाव जीते थे और सीएम बने थे. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में मधु कोड़ा चाईबासा की मझगांव विधानसभा सीट से हार गये थे. फिलहाल, उनकी पत्नी गीता कोड़ा पश्चिम सिंहभूम लोकसभा सीट से कांग्रेस की सांसद हैं.