रांची : जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की दृष्टिकोण से कोकर दुर्गा पूजा पंडाल को दिये गये नोटिस के खिलाफ पूजा समिति सदस्यों ने माइक से जिला प्रशासन के खिलाफ तमकर नारेबाजी की. वहीं पूजा समिति ने प्रशासन को कुछ मिनटों में नोटिस वापस लेने का अल्टिमेटम दिया है. ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी गयी है. रात नौ बजे तक पूजा पंडाल में दर्शन बंद था.
कोकर दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने अध्यक्ष चंचल चटर्जी के नेतृत्व में सड़क पर निकलकर जमकर नारेबाजी की. सदस्यों ने लालपुर-कोकर मेन रोड जाम कर दिया. करीब आधे घंटे तक सड़क जाम रखा गया. इस दौरान सभी सदस्य सड़क पर बैठे रहे और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
इस दौरान पंडाल की लाइटें बंद कर दी गयी थीं. पूजा समिति के सदस्य वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रह रहे थे. बाद में सदर थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर सभी सदस्यों को समझाया और जाम हटवाया.वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के बाद करीब सवा दस बजे पंडाल को श्रद्धालुओं के लिए दुबारा खोल दिया गया.
गौरतलब है कि बड़ागाई के अंचल अधिकारी और सदर थाना प्रभारी ने एक पत्र जारी कर कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर 5 अक्टूबर 2019 को बड़ागाई के अंचल अधिकारी और राजभवन के भवन प्रशाखा अभियंता ने पंडाल का निरीक्षण किया. कनीय अभियंता ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि सीढ़ियों का स्लोप काफी ढालूनुमा है. रिपोर्ट में इसे तकनीकी रूप से असुरक्षित बताया गया है. अंचल अधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का पूजा समिति को निर्देश दिया था.
प्रशासन ने पूजा समिति को निर्देश दिया था कि आम जनों के पंडाल में प्रवेश के लिए सीढ़ीनुमा रास्ते की जगह वैकल्पिक रास्ता का उपयोग करना सुनिश्चित करें. ऐसा नहीं होने पर अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसकी सारी जिम्मेदारी पूजा समिति की होगी और विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद से समिति के द्वारा पूजा पंडाल के लाइट बंद कर दिये और दर्शन भी बंद कर दिया गया.
क्या कहना है रांची के एसडीएम लोकेश मिश्रा का
रांची के एसडीएम लोकेश मिश्रा ने एक बयान जारी किया है कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर यह गलत जानकारी दी जा रही है कि प्रशासन के द्वारा कोकर पूजा समिति का पंडाल बंद करा दिया गया है. यह बात पूर्णतया गलत है. पूजा समिति को दिये गये नोटिस से भी यह स्वतः स्पष्ट है. प्रशासन ने तकनीकि विशेषज्ञों की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद आयोजकों को नोटिस दिया है कि वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करें. पहाड़ के रास्ते का प्रयोग असुरक्षित है.
प्रशासन के द्वारा दुर्गा पूजा के शुरुआत से पहले मौखिक रूप से और तीन दिन पहले लिखित में सभी पूजा समिति को निर्देशित किया गया था कि सभी संबंधित विभाग से सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त कर लें. कोकर पूजा समिति के द्वारा सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया गया. इसके बाद भी कोकर पूजा समिति वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करते हुए पंडाल संचालन हेतु स्वतंत्र है.