रांची : पंचायतों में खाद्य वितरण कार्यक्रमों की निगरानी के लिए एक निगरानी तंत्र की व्यवस्था हो रही है. अनाज कम मिलने व न मिलने सहित स्कूलों में मध्याह्न भोजन व आंगनबाड़ी में पोषाहार वितरण के काम की देखरेख की जिम्मेदारी इसी निगरानी समिति पर होगी. मुखिया की अध्यक्षता वाली इस समिति में वार्ड सदस्य, स्थानीय सरकारी स्कूल के प्राचार्य व आंगनबाड़ी सेविका भी रहेगी.
कोई गड़बड़ी होती है, तो इन पर कार्रवाई भी होगी. यह जानकारी खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को दी. वे सूचना भवन में आयोजित विभागीय प्रेस वार्ता में अपने अधिकारियों के साथ मौजूद थे. श्री राय ने कहा कि विभाग प्रायोगिक तौर पर 10 पीडीएस दुकानों के लिए यह व्यवस्था करने जा रहा है कि यदि किसी लाभुक के अंगूठे के निशान न मिले, तो उसके आंख की पुतली से मिलान कर उसे अनाज दिया जा सके. इसके लिए आधार में दर्ज किसी लाभुक की आंख की पुतली का समावेश ई-पॉश मशीन में आइरिश स्कैनर तथा 4जी डोंगल लगा कर किया जायेगा.
विभाग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान से जुड़े सभा राशन कार्ड को पोर्टब्लिटी की सुविधा दे दी गयी है. यानी कोई लाभुक अपने पीडीएस के अलावा अपने जिले या जिले के बाहर के भी किसी पीडीएस से अनाज ले सकता है. मंत्री के साथ विभागीय सचिव अमिताभ कौशल व खाद्य निदेशक सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
कोई नहीं कर रहा शिकायत
राज्य खाद्य आयोग के तहत हर जिले में शिकायत निवारण पदाधिकारी हैं. किसी को अनाज न मिले, तो यहां शिकायत की जा सकती है. शिकायत सही पायी गयी, तो लाभुक को अनाज की बाजार दर पर मुआवजा देने का प्रावधान है. पर अफसोस है कि यहां शिकायत मिल ही नहीं रही है.
मंत्री ने ये भी कहा
- पीडीएस डीलरों का कमीशन पहले 27, फिर 45 व 80 पैसे के बाद अब एक रुपये किया गया है
- राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग संबंधी नियमावली तैयार तथा सरकार स्तर पर लंबित है
- करीब दो लाख लाभुकों की रिक्ति की भरपाई की जा रही है, जिले से गलत लाभुक हटाये जा रहे हैं
- हमने लोक जन शिकायत निवारण प्रणाली बनायी है, जिसका नंबर टोल-फ्री है. 90 फीसदी शिकायतों का हो रहा निबटारा
- आधार का विरोध समझ से परे, किसी के पास कोई बेहतर तर्क हो, तो विभाग सुनने को तैयार
- उज्ज्वला योजना का लाभ 29.15 लाख लोगों को, शेष 14 लाख को भी जल्द मिलेगा लाभ