रांची : राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के कडरू स्थित गोदाम में अनाज व खाद्य सामग्री खराब होने की खबर पहले भी आयी है. इससे पहले इस गोदाम में 837 क्विंटल सड़ा चावल तथा 262 क्विंटल सड़ा गेहूं 11 वर्षों तक (वर्ष 2006 से) रखा रहा था. सूत्रों के अनुसार खाद्य सामग्री खराब होने का कारण निगम तथा खाद्य आपूर्ति सहित शिक्षा विभाग के बीच तालमेल का अभाव तथा अनाज व खाद्य उठाव मद में ठेकेदारों को भुगतान नहीं होना भी है. उठाव व डिलिवरी मद में भुगतान रुकने से ठेकेदार भी उठाव में आनाकानी करते हैं.
ऐसे में विलंब होने से अनाज खराब होता है. इतना ही नहीं कडरू गोदाम में अनाज व अन्य खाद्य सामग्री रखने का तरीका भी गलत है. यहां अनाज सीधे जमीन पर रखे जाते हैं. इससे अनाज व खाद्य सामग्री के बोरे नीचे से पसीज जाते हैं तथा अनाज खराब होता है. जबकि गोदाम में अनाज लकड़ी के चबूतरे (डनेज) पर रखे जाने चाहिए. पर न तो निगम अौर न ही विभाग का ध्यान इस अोर है.
करीब एक करोड़ बकाया
कडरु गोदाम से अनाज उठा कर डीएसडी सर्विस देनेवाले ठेकेदारों के अनुसार उनका इस मद में करीब एक करोड़ रुपये बकाया है. यह राशि वर्तमान से लेकर गत तीन वर्षों तक की है. इधर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने निदेशक खाद्य को 11 जुलाई को चिट्ठी लिखी है.
उनसे चीनी उठाव व डीएसडी मद में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक का बकाया 5.77 लाख रुपये जारी करने का आग्रह किया है. ठेकेदार रंजीत कुमार ने कहा कि वह कडरु व रातू गोदाम से अनाज उठाव करते हैं. अकेले उनका करीब 50 लाख रुपये बकाया है. बताया जाता है कि तीन-चार ठेकेदारों का भी करीब 50 लाख रुपये बकाया है.
किसी का एक रुपये बकाया नहीं : इधर एसएफसी के एमडी बद्रीनाथ चौबे का कहना है कि किसी का भी निगम पर एक रुपया बकाया नहीं है. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि ठेकेदारों का कोई बकाया है. यह भी कहा कि उनके सामने कोई यह समस्या लेेकर नहीं आया है.
गोदाम में रखे खराब खाद्य पदार्थ
- अरहर दाल : 1009 क्विंटल
- मसूर दाल : 325 क्विंटल
- डबल फोर्टिफाइड नमक : 5000 क्विंटल
- चीनी : 1600 क्विंटल