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बिखरा रहा वामदल, झारखंड में नहीं कर सका है झंडा बुलंद, जानें कब-कब कौन जीता है

मनोज सिंह एक से अधिक लोस सीट नहीं जीत सका है लाल झंडा रांची : वामपंथी दल राज्य में होनेवाले लोकसभा चुनावों एक से अधिक सीट कभी नहीं जीत सका है. संयुक्त बिहार के समय भी झारखंड वाले इलाके में एक बार में वामदल के एक ही प्रत्याशी जीतते रहे हैं. वामदलों से सबसे अधिक […]

मनोज सिंह

एक से अधिक लोस सीट नहीं जीत सका है लाल झंडा

रांची : वामपंथी दल राज्य में होनेवाले लोकसभा चुनावों एक से अधिक सीट कभी नहीं जीत सका है. संयुक्त बिहार के समय भी झारखंड वाले इलाके में एक बार में वामदल के एक ही प्रत्याशी जीतते रहे हैं.

वामदलों से सबसे अधिक तीन बार एके राय चुनाव जीते हैं. श्री राय धनबाद से मासस के उम्मीदवार हुआ करते थे. दो बार भुवनेश्वर मेहता जीते हैं, जबकि सभी प्रत्याशी एक-एक बार सांसद रहे हैं. भाकपा और मासस का खाता तो खुल चुका है, लेकिन माकपा-माले को अब भी झारखंड से लोकसभा में सांसद भेजे जाने का इंतजार है. 2019 के चुनाव में वामदल एकजुट होकर चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. एक-दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा भी कर चुके हैं.

जमशेदपुर सीट से उदयकर मिश्र 1962 में 75000 मत लाकर जीते थे. 1962 के चुनाव में वाम प्रत्याशी चिन्मयी मांझी धनबाद में चौथे और अलीजान मियां तीसरे स्थान पर रहे थे. 1967 के चुनाव में उदयकर मिश्र दूसरे स्थान पर चले गये ते. 1971 के चुनाव में भाकपा ने जमशेदपुर से केदार दास को उतारा था. श्री दास मात्र 206 मत से यह चुनाव हार गये थे. इसी वर्ष धनबाद से बिनोद बिहारी महतो भी माकपा की टिकट से चुनाव लड़े थे.

14 साल बाद दुबारा जीते थे भुवनेश्वर मेहता : भाकपा के भुवनेश्वर मेहता 14 साल के बाद दुबारा सांसद का चुनाव जीते थे. श्री मेहता पहली बार 1991 में लोकसभा का चुनाव जीते थे.

दूसरी बार 2004 में वह तत्कालीन वित्त मंत्री को हरा कर चुनाव जीते थे. पिछले दो चुनाव से वामदलों का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत सका है. माकपा का राजमहल से प्रत्याशी ज्योतिन सोरेन 1984 से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन अब तक नहीं जीत सके है. पिछले चुनाव में भी पार्टी ने उनको प्रत्याशी बनाया था. ज्योतिन सोरेन महेशपुर से विधायक भी थे. इस बार युवा उम्मीदवार गोपिन सोरेन पर पार्टी ने विश्वास जताया है.

पिछले दो चुनाव से टक्कर दे रहा है माले : माले कोडरमा सीट पर पिछले तीन चुनाव से टक्कर दे रहा है. पार्टी के वर्तमान विधायक राजकुमार यादव यहां से 2004, 2009 2014 में किस्मत आजमा चुके हैं. 2004 में श्री यादव तीसरे स्थान पर थे. इनको एक लाख 36 हजार से अधिक मत मिला था. 2009 में 1.50 लाख से अधिक मत मिला था. 2014 में श्री यादव 2.66 लाख से अधिक मत मिला था. दोनों बार वह दूसरे स्थान पर थे.

इस बार अंतिम चुनाव लड़ रहे एके राय को करीब 85 हजार मत मिला था. इसके बाद धनबाद सीट से (मार्क्सिस्ट को-ऑर्डिनेशन) मासीओ के आनंद कुमार महतो चुनाव लड़े. उनको 1.10 लाख से अधिक मत मिला. श्री महतो 2019 के चुनाव में भी एमसीओ से प्रत्याशी उतारने की बात कही है.

कब-कब कौन जीता है

वर्ष नाम दल सीट

1962 उदयकर मिश्र भाकपा जमशेदपुर

1977 एके राय मासस धनबाद

1980 एके राय मामस धनबाद

1989 एके राय एमसीओ धनबाद

1991 भुवनेश्वर मेहता भाकपा हजारीबाग

2004 भुवनेश्वर मेहता भाकपा हजारीबाग

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