रांची : दलबदल मामले पर आज स्पीकर सुनायेंगे फैसला

रांची : झारखंड की राजनीति की निगाहें अब स्पीकर दिनेश उरांव पर टिकी है़ं संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायकों के दलबदल के मामले में बुधवार को स्पीकर फैसला सुनायेंगे़ स्पीकर के न्यायाधिकरण में पिछले चार वर्षों तक छह विधायकों के दलबदल का मामला चला़ पिछले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2019 7:40 AM
रांची : झारखंड की राजनीति की निगाहें अब स्पीकर दिनेश उरांव पर टिकी है़ं संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायकों के दलबदल के मामले में बुधवार को स्पीकर फैसला सुनायेंगे़ स्पीकर के न्यायाधिकरण में पिछले चार वर्षों तक छह विधायकों के दलबदल का मामला चला़ पिछले वर्ष 12 दिसंबर को स्पीकर ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था़
20 फरवरी को फैसला सुनाये जाने को लेकर वादी (बाबूलाल मरांडी व प्रदीप यादव) और प्रतिवादी (दलबदल के आरोपी सभी छह विधायक) को संबंधित सूचना दे दी गयी है़ 2014 में विधानसभा चुनाव के बाद झाविमो में बड़ी टूट हुई थी़
झाविमो के टिकट से चुनाव जीत कर आये आठ में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये़ इसके बाद झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने फरवरी, 2015 में स्पीकर के पास आवेदन देकर पार्टी सिंबल से चुनाव जीतने वाले छह विधायकों के भाजपा शामिल होने के बाद दलबदल का मामला चलाने का आग्रह किया था़ स्पीकर ने दोनों आवेदन को मेंटेनबल मानते हुए सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की थी़
चार वर्षों में 70 से ज्यादा लोगों की गवाही हुईं. झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव सहित सभी आरोपी विधायकों की गवाही स्पीकर के न्यायाधिकरण में हुई़ स्पीकर ने सुनवाई के लिए 97 तिथियां निर्धारित की थी़
पूरा मामला एक नजर में
9 फरवरी, 2015: झाविमो के बागी विधायकों ने स्पीकर को पत्र लिख कर अलग बैठने की मांग की
10 फरवरी, 2015: झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पत्र लिख कर चार विधायकों के दलबदल करने के मामले में कार्रवाई की मांग की
11 फरवरी, 2015: दूसरे दिन झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दो और विधायकों पर दल बदल के तहत कार्रवाई की मांग की़
12 फरवरी, 2015: स्पीकर ने झाविमो नेताओं को पक्ष रखने के लिए बुलाया़
25 मार्च, 2015: याचिक को सुनवाई योग्य मानने को लेकर बहस शुरू हुई़
12 दिसंबर, 2018: दलबदल पर स्पीकर के न्यायाधिकरण में आखिरी सुनवाई हुई़ फैसला सुरक्षित रखा़

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