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”कांग्रेस एज एन अपोजिशन पार्टी” पुस्तक का विमोचन

मुद्दा विहीन हो रही राजनीति, हर तरफ गिरावट आयी : सुबोधकांत सत्ता से विपक्ष तक कांग्रेस की यात्रा और आंचलिक पार्टियों के उभार का दस्तावेज इसमें राजनीतिक अस्थिरता व गौण होते मुद्दों का प्रामाणिक व घटना परख विश्लेषण है रांची : कांग्रेस एज एन अपोजिशन पार्टी (1967-71) शोध परख पुस्तक का विमोचन रविवार को राजधानी […]

मुद्दा विहीन हो रही राजनीति, हर तरफ गिरावट आयी : सुबोधकांत
सत्ता से विपक्ष तक कांग्रेस की यात्रा और आंचलिक पार्टियों के उभार का दस्तावेज
इसमें राजनीतिक अस्थिरता व गौण होते मुद्दों का प्रामाणिक व घटना परख विश्लेषण है
रांची : कांग्रेस एज एन अपोजिशन पार्टी (1967-71) शोध परख पुस्तक का विमोचन रविवार को राजधानी रांची में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने किया.
इस किताब में एकीकृत बिहार में वर्ष 1967 से 71 तक घटी राजनीतिक घटनाओं का मौलिक विश्लेषण है़ केके पब्लिकेशन की इस पुस्तक की लेखिका स्व बीणा होरो है़ं उन्होंने गोस्सनर कॉलेज मेें अध्ययन के दौरान सत्तासीन कांग्रेस की विपक्ष तक की यात्रा और फिर राजनीतिक उथल-पुथल पर किये गये शोध को पुस्तक का रूप दिया है़ इसमें उनके पति सुहावन होरो की मुख्य भूमिका रही है़
तत्कालीन बिहार में कांग्रेस की राजनीतिक शक्ति के ह्रास के बाद बदलते परिदृश्य काे चित्रित किया गया है़ पुस्तक में बताया गया है कि किस तरह से 1967 के बाद बदलाव आये और आंचलिक पार्टियों का विस्तार हुआ़ मुख्यधारा की राजनीति ने अपनी धार बदल ली और स्थानीय व आंचलिक इश्यू हावी होते चले गये़
कांग्रेस से अलग ध्रुव बनाने वाले नेताओं का उदय हुआ़ सत्ता की होड़ मची़ छह-छह महीने में तत्कालीन एकीकृत बिहार में तीन-तीन सरकार बनी़ महमाया सिंह, डीपी मंडल और दारोगा राय मुख्यमंत्री बने़ सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आज की राजनीति में इश्यू नहीं रहे़ मुद्दा विहीन राजनीति हो रही है़ आज राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे उभर कर नहीं आ रहे है़ं राजनीति में गिरावट का दौरा चल रहा है़
उन्होंने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक सराहनीय प्रयास है़ एक बेहतर ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है़ इसमें वर्ष 1971 तक की घटनाओें का समावेश है, उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है़ डाॅ बीणा होरो की शोध निर्देशिका रहीं डॉ सुधा वर्मा ने कहा कि यह एक प्रशंसनीय पुस्तक है़
राजनीतिक बदलाव को यह पुस्तक बखूबी बयां करती है़ कार्यक्रम में डॉ मनमसीह एक्का, प्रो एचके सिंह, बिशप सीडी जोजो, रेव्ह एचके बाबा व डॉ सुशील केरकेट्टा मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन गोस्सनर कॉलेज के प्रो विनय जॉन ने किया़ उल्लेखनीय है कि केके पब्लिकेशन अब तक झारखंड से जुड़ी 20 से 22 पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है.

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