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झारखंड : पुनरीक्षित परिवहन भत्ता से “900 प्रतिमाह का नुकसान

II मनोज सिंह II सातवें वेतनमान का भत्ता संबंधी आदेश जारी होने के बाद कर्मचारियों को कहीं-कहीं नुकसान दिख रहा है रांची : राज्य सरकार के कर्मियों को सातवें वेतनमान का भत्ता संबंधी आदेश जारी होने के बाद कहीं-कहीं नुकसान दिख रहा है. 1800 से 1900 ग्रेड पे वाले कर्मियों को परिवहन भत्ता मद में […]

II मनोज सिंह II
सातवें वेतनमान का भत्ता संबंधी आदेश जारी होने के बाद कर्मचारियों को कहीं-कहीं नुकसान दिख रहा है
रांची : राज्य सरकार के कर्मियों को सातवें वेतनमान का भत्ता संबंधी आदेश जारी होने के बाद कहीं-कहीं नुकसान दिख रहा है. 1800 से 1900 ग्रेड पे वाले कर्मियों को परिवहन भत्ता मद में कम पैसा मिलने लगा है.
करीब 800 से लेकर 900 रुपये तक का नुकसान कर्मियों को हो रहा है. राज्य सरकार के परिवहन भत्ते के नये फॉर्मूले के अनुसार पे-लेबल एक और दो की श्रेणी में आनेवाले कर्मियों को वाइ सिटी में 900 रुपये और महंगाई भत्ता दिया जायेगा. अभी सात फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है.
इस हिसाब से कर्मियों को परिवहन भत्ता मद में करीब 963 रुपये का भुगतान प्रतिमाह हो रहा है. जबकि छठे वेतनमान के समय कर्मियों को 800 रुपये और महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. उस वक्त कर्मियों का महंगाई भत्ता करीब 132 फीसदी था. इस हिसाब के कर्मियों को परिवहन भत्ता मद में 1856 रुपये प्रतिमाह मिल रहा था. पुराने वाले परिवहन भत्ता से करीब 893 रुपये का कम कर्मियों को मिल रहा है. कर्मियों को होने वाले नुकसान की सुगबुगाहट दिखने लगी है.
किसको ज्यादा नुकसान : जिन कर्मियों को नौकरी के बाद प्रमोशन या वित्तीय लाभ नहीं मिला है, उनको इससे ज्यादा नुकसान हो रहा है. प्रमोशन नहीं मिलने या एसीपी-एमएसीपी का लाभ नहीं मिलने के कारण ग्रेड पे बेसिक ही है. राज्य सरकार में कई ऐसे विभाग हैं, जहां कर्मियों को न तो प्रमोशन मिला है न ही वित्तीय लाभ.
क्या है सातवें वेतनमान में परिवहन भत्ता : राज्य सरकार ने सातवें वेतनमान में परिवहन भत्ता के रूप में पे-लेबल नौ और ऊपर के कर्मियों के लिए 3600 रुपये और महंगाई भत्ता देने का प्रावधान किया है.
तीन से आठ पे-लेबल वाले कर्मियों के लिए यह भत्ता 1800 और महंगाई भत्ता शामिल है. एक और दो पे-लेबल वालों के लिए यह 900 और अद्यतन महंगाई भत्ता शामिल है. सरकार ने तय किया है कि वैसे सरकारी सेवक जो वाहन का उपयोग करते हैं, उनको परिवहन भत्ता नहीं मिलेगा. एक महीना अवकाश पर रहने पर इसका भुगतान नहीं होगा. विदेश में प्रतिनियुक्ति की अवधि में भी परिवहन भत्ता देय नहीं होगा.
सरकारी कार्य से कोई भी कर्मी मुख्यालय से बाहर रहेगा तो उसे भी परिवहन भत्ता देय नहीं होगा. प्रशिक्षण के दौरान परिवहन भत्ते का भुगतान नहीं होगा. निलंबन अवधि के दौरान अगर कोई कर्मी कार्यालय आयेंगे तो उनको परिवहन भत्ता देय होगा. शारीरिक रूप से दिव्यांग सेवक को दो गुणा दर पर परिवहन भत्ता दिया जायेगा.
इस मुद्दे पर नजर रखी जा रही है. मुख्यमंत्री और अन्य वरीय अधिकारियों के संज्ञान में भी यह मामला लाया जायेगा. कर्मियों को आर्थिक नुकसान नहीं हो, इसके लिए संघ हमेशा आगे रहेगा.
सुनील साह, महासचिव
झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ

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