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झारखंड : नामकुम से भारी मात्रा में नकली शराब बरामद, दो को जेल
पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने की कार्रवाई, शराब की पैकिंग के उपकरण मिले नामकुम/रांची : नामकुम पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने कार्रवाई कर बुधवार की देर रात जोरार से फिर से बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की गयी. एसएसपी रांची को मिली गुप्त सूचना के बाद हुई इस कार्रवाई में […]
पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने की कार्रवाई, शराब की पैकिंग के उपकरण मिले
नामकुम/रांची : नामकुम पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने कार्रवाई कर बुधवार की देर रात जोरार से फिर से बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की गयी. एसएसपी रांची को मिली गुप्त सूचना के बाद हुई इस कार्रवाई में अजय यादव व रामनाथ गोप नामक नकली शराब के कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है.
छापेमारी के दौरान पुलिस को दर्जनों पेटियों में पैक नकली शराब व पैकिंग के उपकरण भी मिले हैं. पकड़ी गयी शराब की बाजार में कीमत लाखों में आंकी जा रही है. पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है. शराब को गुमला, सिमडेगा जैसे जिलों मेें भेजा जाता था.
ओरमांझी में बड़े पैमाने पर होता है नकली शराब का निर्माण : पूछताछ में अजय व रामनाथ ने बताया कि नकली शराब ओरमांझी थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बनायी जाती है. वहां से वे शराब लाकर यहां नामकुम स्थित अपने घर में स्टॉक करते थे.
शराब लाने का काम कृष्णा व महावीर नामक शराब कारोबारी करते हैं. इसकी पैकिंग कर वे रांची व आसपास के जिलों में सप्लाइ करते थे. नकली शराब को दोनों बाजार में प्रचलित शराब के विभिन्न ब्रांडों की बोतलों में पैक करते थे तथा नकली स्टीकर व ढक्कन आदि भी बड़ी सफाई से लगाकर इस धंधे को चला रहे थे.
पूछताछ में दोनों ने बताया कि टाटीसिलवे क्षेत्र में रहनेवाला कृष्णा नामक व्यक्ति उन्हें शराब के रैपर, ढक्कन व स्टिकर आदि लाकर देता था. इधर, मौके पर ग्रामीण एसपी, डीएसपी, ओरमांझी थाना प्रभारी भी पहुंचे.
फिर से कारोबार पनपना शुरू : नकली शराब से पिछले वर्ष हुई मौतों के बाद हरकत में आयी पुलिस की दबिश के बाद नामकुम व आसपास के क्षेत्र में नकली शराब का कारोबार काफी हद तक कम हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे फिर से पनपना शुरू हो गया.
कभी सेना के लिए सप्लाइ होनेवाली शराब, तो कभी कम दाम में महंगे ब्रांड की शराब मिलने के नाम पर नकली शराब की ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से बिक्री की जाती है. न सिर्फ होटलों में, बल्कि परचून की दुकानों में भी शराब आसानी से मिल जाती है. इसमें अफसरों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
नन बैंकिंग कंपनी में लाभ नहीं हुआ, तो इस धंधे में आये
पूछताछ में गिरफ्तार अजय व रामनाथ गोप ने पुलिस को बताया कि वे लोग पहले एक नन बैंकिंग कंपनी में काम करते थे, लेकिन वहां अच्छी आमदनी नहीं होती थी़ इस कारण हमलोग पैसे कमाने के नये उपाय तलाश रहे थे
इसी दौरान उन्हें नकली शराब के कारोबारी प्रह्लाद सिंधिया की गिरफ्तारी की सूचना मिली. फिर उसके धंधे को अपनाने का मन बनाया. दोनों का सीधा संबंध सिंधिया से नहीं है, पर वे उसी से प्रेरणा लेकर इस धंधे में जुड़े व अपने घर पर ही नकली शराब लाकर पैकिंग व उसकी सप्लाइ करने लगे.
असली-नकली में फर्क करना मुश्किल
नकली शराब के कारोबारी इतनी सफाई से पैकिंग करते हैं कि असली व नकली शराब में फर्क करना भी मुश्किल हो जाता है. राॅयल स्टैग, अॉफिसर्स च्वाइस, मैक डॉवल, इंपीरियल ब्लू आदि ब्रांड के रैपर भी पुलिस ने छापेमारी के दौरान बरामद किये़ पुलिस ने नकली शराब की फैक्टरी के खुलासे के लिए छापेमारी शुरू कर दी है.
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