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18 हजार अधिकारियों का पुनरीक्षित वेतनमान लटका, कोयला मंत्रालय ने वेतन वृद्धि की अनुमति देने से किया इनकार
II मनोज सिंह II कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दी चेतावनी, मांगें न पूरी हुईं, तो आंदोलन एक मात्र रास्ता होगा रांची : कोल इंडिया के करीब 18 हजार अधिकारियों को पुनरीक्षित वेतन वृद्धि देने का मामला लटक गया है. जहां से वेतन वृद्धि देने का निर्णय हुआ था, मामला फिर वहीं पहुंच गया है. […]
II मनोज सिंह II
कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दी चेतावनी, मांगें न पूरी हुईं, तो आंदोलन एक मात्र रास्ता होगा
रांची : कोल इंडिया के करीब 18 हजार अधिकारियों को पुनरीक्षित वेतन वृद्धि देने का मामला लटक गया है. जहां से वेतन वृद्धि देने का निर्णय हुआ था, मामला फिर वहीं पहुंच गया है.
कोल इंडिया अपने अधिकारियों को वेतन वृद्धि देने के मामले को लेकर कोयला मंत्रालय के पास गया था. कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन और निदेशक कार्मिक ने विभागीय सचिव से मिलकर इस पर अनुमति देने का आग्रह किया था. विभागीय सचिव ने इस पर कोल इंडिया बोर्ड की अनुमोदन की जानकारी मांगी.
अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड ने कहा है कि विभागीय सचिव के अनुमोदन के बाद ही बोर्ड अनुमोदित करेगा. इस पर अधिकारियों को कहा गया कि क्या कोल इंडिया का बोर्ड सरकार से ऊपर है? इसे बोर्ड से अनुमोदन करा कर लायें, उसके बाद ही सरकार इस पर अनुमति देगी. 28 मार्च को यह मामला कोल इंडिया बोर्ड से पास गया.
बोर्ड ने इस पर रेनुमेरेशन सब कमेटी (पारिश्रमिक) के अनुमोदन की जानकारी मांगी. बोर्ड को बताया गया कि सब कमेटी ने अनुमोदित नहीं किया है. अब मामला फिर पारिश्रमिक सब कमेटी के पास जायेगा. कोल इंडिया की इस सब कमेटी ने पूर्व में ही वेतन वृद्धि के वर्तमान फॉरमेट को अनुमोदित करने से इनकार करदिया था.
त्रिपक्षीय बैठक हुई थी दिल्ली में
कोयला मंत्रालय के सचिव और कोल इंडिया के अधिकारियों की बैठक पिछले दिनों दिल्ली में हुई थी. इसमें अधिकारियों के वेतन के मुद्दे पर बात हुई थी. इसमें कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन एपेक्स के अधिकारी भी थे. बैठक में वेतन समझौते में होनेवाली देरी के मुद्दे पर बात हुई थी. बैठक के बाद 27 मार्च को मंत्रालय ने मामले को बोर्ड में ले जाने का निर्देश दिया. कोल इंडिया ने 28 मार्च को दिल्ली में हुई बोर्ड में इसे पेश भी किया. लेकिन, बोर्ड ने इस पर सहमति देने से इनकार कर दिया.
ओएनजीसी का स्केल देने से इनकार कर रही पारिश्रमिक कमेटी
कोल इंडिया के पारिश्रमिक कमेटी के सदस्यों ने अधिकारियों को ओएनजीसी की तर्ज पर स्केल देने से मना कर दिया था. कमेटी का तर्क था कि एक जनवरी 2007 के बेसिक के आधार पर ही एक जनवरी 2017 में वृद्धि हो सकती है.
एक जनवरी 2007 में ओएनजीसी ने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटर प्राइजेज की अनुशंसा के बाद ई-1 से लेकर ई-3 तक के स्केल को मर्ज कर दिया था. इसके बेसिक (24900) बढ़ गया था. इसे भारत सरकार ने महारत्ना कंपनी होने के कारण स्वीकार कर लिया था. अब कोल इंडिया के अधिकारी इसी बेसिक के अाधार पर वृद्धि मांग रहे हैं. इसको मानने से पूर्व में पारिश्रमिक कमेटी मना कर चुकी है.
हमारी मांग केवल यह है कि कोल इंडिया अधिकारियों का बेसिक कर्मचारियों के बेसिक से कम नहीं हो. इस संबंध में भारत सरकार का एक पत्र भी है. इसका पालन होना चाहिए. वेतन विसंगति होने से कोल इंडिया में काम का माहौल नहीं बन पाता है. अधिकारियों की इस मांग पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन ही एक मात्र रास्ता होगा.
सौरव दुबे, वरीय उपाध्यक्ष, कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन
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