गांवों में चार लाख हैंडपंप में से 3.60 लाख ही चालू
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मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में संयुक्त सचिव ने दी चेतावनी
गांवों में चार लाख हैंडपंप में से 3.60 लाख ही चालू रांची : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कुल चार लाख 473 चापानल हैं. इनमें से 3.60 लाख् ही चालू हालत में हैं. 11545 चापानल डेड हैं. 20638 चापानल ऐसे हैं, जिसका राइजिंग रोटेट पाइप सड़ चुका है. पेयजल विभाग द्वारा इन चापानलों की मरम्मत […]
रांची : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कुल चार लाख 473 चापानल हैं. इनमें से 3.60 लाख् ही चालू हालत में हैं. 11545 चापानल डेड हैं. 20638 चापानल ऐसे हैं, जिसका राइजिंग रोटेट पाइप सड़ चुका है. पेयजल विभाग द्वारा इन चापानलों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. यह जानकारी डोरंडा पीएमयू में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पीएमयू के उपनिदेशक वृजनंदन कुमार व कार्यपालक अभियंता मंगलामूर्ति ने दी.
दोनों अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018 में गर्मी को लेकर प्रत्येक जिला व प्रमंडल में चापाकलों की मरम्मत का काम चल रहा है. राज्य स्तर पर एवं सभी जिला एवं प्रखंड स्तर कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है. वर्तमान में कुल 178 मरम्मत वाहन कार्यरत हैं तथा कुल 272 गैंग द्वारा मरम्मत के कार्य किये जा रहे हैं. अबतक 550 चापानलों की मरम्मत कर इन्हें चालू किया गया है.
हर दिन 1070 चापानलों की हो रही मरम्मत
उपनिदेशक ने कहा कि प्रतिदिन 1070 चापानलों की मरम्मत की जा रही है. अब चूंकि चापानल लक्ष्य से अधिक लगाये जा चुके हैं, इसलिए नये चापानल नहीं लगाये जा रहे हैं. केवल पुराने चापानलों की मरम्मत होगी. सरकार 900 नये एचवाइडीटी लगाने जा रही है, जिससे ग्रामीणों को पानी का संकट न हो.
कंट्रोल रूम में खबर करें
उपनिदेशक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के किसी भी चापानलों के मरम्मत के लिए संबंधित क्षेत्र के पदाधिकारियों से या कॉल सेंटर में फोन किया जा सकता है. कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर है 1800-3456-502 एवं 9470176901. यहां सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक किसी भी दिन शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.
राज्य स्तर पर एवं सभी जिला व प्रखंड स्तर बने हैं कंट्रोल रूम
178 मरम्मत वाहन कार्यरत हैं मौजूदा समय में
272 गैंग द्वारा मरम्मत के कार्य किये जा रहे हैं
550 चापानलों को ठीक किया गया
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